नई दिल्ली। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में भोजन पकाने में इस्तेमाल किया गया खाद्य तेल घर-घर से खरीदा जाएगा और इससे बायो डीजल बनाया जाएगा। इस काम के लिए इंदौर नगर निगम (आईएमसी) ने शुक्रवार को एक निजी कंपनी से अनुबंध किया, जिसे इस निकाय द्वारा देश में अपनी तरह का पहला करार बताया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि अनुबंध के तहत घरों में इस्तेमाल खाद्य तेल रहवासी कल्याण संघों की मदद से खरीदा जाएगा और इसके बदले निजी कंपनी द्वारा आईएमसी और विक्रेता, दोनों को 15-15 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि खाद्य तेल को एक बार से ज्यादा इस्तेमाल कर पकाए जाने वाले भोजन से लोगों को मोटापा, हृदय रोग और अन्य बीमारियां होने का खतरा रहता है।
अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती दौर में शहर के घरों से हर माह एक लाख किलोग्राम इस्तेमाल खाद्य तेल जमा होने का अनुमान है। इस तेल से एक अन्य निजी कंपनी द्वारा बायो डीजल बनाया जाएगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के वर्ष 2017, 2018, 2019 और 2020 के स्वच्छता सर्वेक्षणों के दौरान इंदौर देश भर में अव्वल रहा था।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी पिछले महीने देश में बायो ईंधन का उत्पादन बढ़ाने की बात कह चुके हैं। सोयाबीन प्रोसेसर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा था कि मैंने अपने डीजल से चलने वाले ट्रैक्टर को सीएनजी में बदलवा लिया है। हमें सोयाबीन, गेहूं, धान, कपास जैसी फसलों के अवशेषों से बायो सीएनजी और बायो एलएनजी के उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए। इससे देश को क्रूड ऑयल और फ्यूल गैस के आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। इससे किसानों के लिए अतिरिक्त आय भी पैदा होगी।
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