नई दिल्ली। प्रतिदिन ट्रेन की कैटरिंग सर्विस की हजारों शिकायतों को देखते हुए रेलवे ने एक नई योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य ट्रेन में कैटरिंग कंपनियों की मनकानी पर अंकुश लगाने के साथ-साथ पैसेंजर सर्विस को बेहतर बनाना है। रेल मंत्रालय के अनुसार, अगर ट्रेन में खाना मंगवाने पर कैटरिंग स्टाफ यानी वेंडर पैसेंजर को बिल नहीं देता है तो खाना फ्री में मिलेगा। इसके साथ ही कैटरिंग कंपनी का लाइसेंस भी कैंसल कर दिया जाएगा। सरकार ने कैटरिंग कंपनियों की मनमानी पर लगाम कसने के लिए पैंट्री कार की जांच के लिए विशेष टीम गठित की है।
वहीं, IRCTC ने वेंडरों को कैशलेस बनाने की दिशा में उन्हें प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) मशीन देगा ताकि वे पैसेंजर्स से ज्यादा कीमत न वसूल सकें। यह सर्विस अभी बेंगलुरु से नई दिल्ली के लिए चलने वाली कर्नाटक एक्सप्रेस में शुरू कर दी गई है। अगले चरण में 16 ट्रेनों में 100 PoS मशीनें लगाई जाएंगी।
आपको बता दें कि बिल न देने पर खाना मुफ्त मिलने की स्कीम 31 मार्च 2018 से उन सभी ट्रेन में लागू हा जएंगी जिनमें पैंट्री कार हैं। दरअसल, पैसेंजर्स की शिकयत रही है कि खाना परोसने वाले कैटरिंग स्टाफ बिल नहीं देते और बहाना बनाते हैं कि उनके पास बिल बुक नहीं है। सभी ट्रेन में रेलवे मंत्रालय ने इस संदर्भ सूचना पत्र लगाने के निर्देश दे दिए हैं।
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