नई दिल्ली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर को फर्जी ई-मेल से सावधान रहने को कहा है। डिपार्टमेंट ने कहा कि टैक्स रिफंड से जुड़े फर्जी ई-मेल के प्रति लोगों को सचेत रहने की जरूरत है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कभी भी ई-मेल के जरिए पिन जैसी व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगता है। इसलिए लोगों को ऐसे ई-मेल का जबाव नहीं देना चाहिए।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नहीं मांगता पिन नंवबर
विभाग ने कहा है, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर के क्रेडिट कार्ड के पिन नंबर, पासवर्ड या बैंक खातों से जुड़ी अन्य जानकारी चाहते हुए कोई ई-मेल नहीं भेजता है। विभाग ने टैक्सपेयर से कहा है कि वे इस संबंध में आने वाले किसी ई-मेल का जवाब नहीं दे और न ही उससे जुड़ी सामग्री (अटैचमेंट) खोलें। इस तरह के ई-मेल को phishing@incometax.gov.in पर फारवर्ड करने को कहा गया है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की सलाह
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर से कहा है कि वह एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर, एंटी-स्पाईवेयर, और फायरवॉल का उपयोग करें, साथ ही समय पर उसे अपडेट करते रहें। फिशिंग ई-मेल में ऐसे सॉफ्टवेयर होते है, जो आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचा सकते हैं और बिना आपके अनुमति के आपकी इंटरनेट गतिविधियों को ट्रैक कर सकता है। एंटी वायरस सॉफ्टवेयर, एंटी-स्पाईवेयर और फायरवॉल इस तरह के अवांछित फाइलों से आपको बचा सकते हैं। इंटरनेट हेडर की ज्यादा जानकारी, डिपार्टमेंट को ई-मेल भेजने वालों का पता लगाने में मदद कर सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सलाह दी है कि ई-मेल या हेडर सूचना हमें भेजने के बाद मेल को डिलीट कर दें।
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