अगर चाहते हैं धोखाधड़ी से बचना, तो ऐसे करें सुरक्षित ऑनलाइन ट्रांजैक्शन
अपने पासवर्ड को हमेशा इतना मजबूत बनाएं कि उसके बारे में अनुमान लगाना किसी के लिए भी आसान न हो।
नई दिल्ली। डिजिटल होते भारत में जहां एक ओर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और ऑनलाइन शॉपिंग की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर उतनी ही तेजी से ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में भी वृद्धि हो रही है। अगर हम कुछ छोटी लेकिन जरूरी बातों का ध्यान रखें तो ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को सुरक्षित रख सकते हैं।
यह एक राहत की बात यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक के सख्त दिशा-निर्देशों के बाद अब वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार होने वाले ग्राहकों को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में ग्राहक नहीं बल्कि बैंक जिम्मेदार होगा। लेकिन फिर भी हमारे साथ कभी ऐसी धोखाधड़ी न हो इसलिए कुछ खास बातों को जानना और उनका हमेशा ध्यान रखना जरूरी है।
मजबूत पासवर्ड बनाएं
अपने पासवर्ड को हमेशा इतना मजबूत बनाएं कि उसके बारे में अनुमान लगाना किसी के लिए भी आसान न हो। पासवर्ड को स्पेशल कैरेक्टर के साथ अल्फा न्यूमेरिक बनाएं। अलग-अलग एकाउंट के लिए एक ही यूजर नेम और पासवर्ड बनाने से बचें।
नियमित अंतराल पर अपने पासवर्ड को बदलते रहें। कम से कम प्रत्येक 90 दिन में अपना पासवर्ड बदल देना चाहिए। अपने पासवर्ड, ओटीपी, सीवीवी आदि का जिक्र किसी के साथ भी न करें। कई बार ई-मेल पर भेजे गए ट्रांजैक्शन की जानकारी के जरिये आपके खाते की जानकारी मांगी जाती है, इससे बचे। इस लिंक पर क्लिक करते ही आपकी पूरी डिटेल लीक हो सकती है। वित्तीय धोखाधड़ी की आशंका होने पर तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और जानकारी दें। आप जितना देर करेंगे नुकसान उतना बढ़ता जाएगा।
ऑनलाइन शॉपिंग टिप्स
- शॉपिंग करने के बाद हमेशा अपने बैंक एकाउंट, क्रेडिट कार्ड या मर्चेंट साइट्स को सुरक्षित लॉग आउट करें।
- अपने कम्प्यूटर में कभी भी यूजर का नाम, पासवर्ड किसी भी बैंकिंग वेबसाइट में स्टोर न करें।
- सिक्यूरिटी सवालों में हमेशा अपनी पर्सनल जानकारी को गलत दर्ज करें और जवाब ट्रैक करते रहें।
ई-कॉमर्स वेबसाइट को कैसे करें सेक्योर
- हमेशा विश्वसनीय थर्ड-पार्टी सर्विस जैसे पेटीएम (Paytm), पे-पाल (PayPal) जैसे ऑनलाइन सर्विस का इस्तेमाल करें। ये सभी साइट्स काफी सुरक्षित होते हैं।
- ध्यान रखें कि जिस किसी वेबसाइट के शुरुआत में “https://.” होता है वो सेफ है, और जहां एस(S) http के बाद नहीं लिखा हो वो सुरक्षित वेबसाइट नहीं है। ऐसी वेबसाइट के जरिये ऑनलाइन ट्रांजैक्शन न करें।
कुछ अहम जानकारियां
- कभी भी किसी पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करते समय ऑनलाइल ट्रांजैक्शन न करें। हमेशा सेक्योर्ड इंटरनेट कनेक्शन का ही इस्तेमाल करें।
- किसी को भी फोन पर बिना सोचे-समझे अपने एकाउंट या ओटीपी की जानकारी न दें।
- इजीपे (EasyPay) या फिर वन-क्लिक ऑडररिंग से पेमेंट न करें। ध्यान रखें कि ऐसे पेमेंट ऑप्शन में होने वाले फ्रॉड से रिकवरी होने में काफी समय लग जाता है।
- क्रेडिट कार्ड से ज्यादा अपने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करें।
- हमेशा अपडेटेट वर्जन के इंटरनेट ब्राउजर का प्रयोग करें।
- अपने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का हमेशा रिकॉर्ड रखें। हर महीने दिए गए बैंक स्टेटमेंट में चेक करें की जानकारी सही है या नहीं।
- अपडेटेड एंटी-वायरस का हमेशा अपने कम्प्यूटर और फोन में इस्तेमाल करें।
इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT) के मुताबिक साल 2018 में साइबर अटैक की कुल 2,08,456 घटनाएं सामने आई हैं। वहीं सुरक्षा एजेंसियों के जानकारी के मुताबिक हर महिने सिर्फ ई-वॉलेट प्लेटफॉर्म के जरिये ही 13,000 से ज्यादा फ्रॉड ट्रांजैक्शन की शिकायत दर्ज होती हैं। देखा जाए तो आंकड़ों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।
इसलिए किसी भी फ्रॉड से बचने के लिए ये जरूरी है कि आप खुद पहले सावधानी बरतें। याद रखें कि खुद को सुरक्षित रखने के लिए ऑनलाइन सेफ रहना और अपने एकाउंट को किसी भी तरह के नुकसान से बचाना ही आज के मॉडर्न पर्सनल फाइनेंस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसलिए खुद को सुरक्षित रखें।