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Hindi News पैसा फायदे की खबर केंद्र सरकार का दावा, समन्वित प्रयासों से आ रही है अरहर, मूंग और उड़द दाल की कीमतों में गिरावट

केंद्र सरकार का दावा, समन्वित प्रयासों से आ रही है अरहर, मूंग और उड़द दाल की कीमतों में गिरावट

मंत्रालय के अनुसार, इस साल अप्रैल से 16 जून 2021 के दौरान इन तीन दालों की कीमतों में औसत वृद्धि पिछले तीन महीनों (जनवरी-मार्च, 2021) की तुलना में 0.95 प्रतिशत थी।

govt says pulses price ease tuar, moong and urad dal- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO govt says pulses price ease tuar, moong and urad dal

नई दिल्‍ली। खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि जमाखोरी रोकने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर किए गए समन्वित प्रयासों के बाद अरहर, मूंग और उड़द जैसी दालों की खुदरा कीमतों में गिरावट का रुख बना है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अरहर, मूंग और उड़द की खुदरा कीमतें इस साल अब या तो स्थिर हो गई हैं या फिर इनमें गिरावट का रुख देखा जा रहा है।

मंत्रालय के अनुसार, इस साल अप्रैल से 16 जून 2021 के दौरान इन तीन दालों की कीमतों में औसत वृद्धि पिछले तीन महीनों (जनवरी-मार्च, 2021) की तुलना में 0.95 प्रतिशत थी। मंत्रालय ने कहा कि वर्ष 2020 की इसी अवधि में 8.93 प्रतिशत की वृद्धि और वर्ष 2019 की समान अवधि में 4.13 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में मौजूदा वृद्धि कहीं कम है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल एक जनवरी से 18 जून के बीच अरहर और उड़द के दाम में 10 रुपये किलो की बढ़ोतरी हुई है।

मौजूदा समय में, अरहर और उड़द, दोनों की खुदरा कीमतें एक जनवरी के 100 रुपये प्रति किलोग्राम के मुकाबले 110 रुपये प्रति किलोग्राम पर चल रही हैं। वहीं वर्ष की शुरुआत से मूंग दाल की खुदरा कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम पर अपरिवर्तित बनी हुई है। केंद्र ने कहा कि उसने राज्य सरकारों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि दालों की कीमतें उचित स्तर पर बनी रहें। केंद्र ने राज्यों से दलहन व्यापारियों और विभिन्न अंशधारकों को एक पोर्टल पर अपने स्टॉक का विवरण घोषित करने का निर्देश देने के लिए कहा था और इससे सकारात्मक परिणाम मिले।

इसके अलावा, सरकार ने चालू 2021-22 के वित्तीय स्थिरीकरण कोष में दलहन बफर के लक्षित आकार को बढ़ाकर 23 लाख टन कर दिया। चना, मसूर और मूंग की खरीद जारी है। उपभोक्ता मामलों के विभाग की ओर से दालों की खरीद के लिए, सहकारी संस्था नाफेड राज्य सरकार की एजेंसियों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी है। बफर स्टॉक से, केंद्र, राज्यों को कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए भी दलहन उपलब्ध करा रहा है और कीमतों को नरम रखने के लिए खुदरा हस्तक्षेप भी किया है।

 

 

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