आलू, प्याज व टमाटर के दाम में गिरावट पर पहले ही सतर्क कर देगा पोर्टल, सरकार को मिलेगी उचित कदम उठाने में मदद
पोर्टल के अलर्ट से सरकार को केंद्रीय योजना ऑपरेशन ग्रीन्स के तहत समय पर बाजार हस्तक्षेप में मदद मिलेगी।
नई दिल्ली। खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने बुधवार को एक पोर्टल की शुरुआत की है। इस पोर्टल में तीन प्रमुख सब्जियों टमाटर, प्याज और आलू के अगले तीन माह के थोक मूल्य के बारे में अनुमान व्यक्त किए जाएंगे। इसके जरिये सरकार को समय रहते सतर्क किया जाएगा ताकि वह कीमतों में भारी गिरावट की आशंका को ध्यान में रखते हुए जरूरी कदम उठा सके।
बादल ने कहा कि पोर्टल के अलर्ट से सरकार को केंद्रीय योजना ऑपरेशन ग्रीन्स के तहत समय पर बाजार हस्तक्षेप में मदद मिलेगी। इसके लिए सरकार किसानों को फसल की बहुतायत वाले बाजारों में उपज के भंडारण तथा उपभोक्ता राज्य (मांग वाले राज्यों) तक उपज को पहुंचाने के लिए सब्सिडी मुहैया कराएगी।
उन्होंने कहा कि इन तीन जल्द खराब होने वाली सब्जियों की कीमतें फसल आने के समय यदि तीन साल के निचले स्तर पर गिर जाती हैं या साल भर पहले के मुकाबले कीमत में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आती हो या जब एक विशेष समयावधि में केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा तय मानक से दरें कम होती हैं, तो ऐसी स्थिति में पोर्टल में अलर्ट शुरू हो जाएगा।
सहकारी संस्था नेफेड ने इस पोर्टल को विकसित किया है। इस पोर्टल को बाजार बुद्धिमत्ता एवं अग्रिम चेतावनी प्रणाली (एमआईईडब्ल्यूएस) नाम दिया गया है। यह कार्य टमाटर, प्याज और आलू मूल्य श्रृंखला की एकीकृत विकास योजना के तहत किया गया है। नेफेड के अतिरिक्त प्रबंध निदेशक एस के सिंह ने कहा कि इस पोर्टल में निजी कंपनी एग्रीवॉच की निगरानी वाली 128 मंडियों में इन तीन जिंसों की थोक कीमतों को दिखाया जाएगा और साथ ही एगमार्क द्वारा 1,200 मंडियों के आंकड़ों को दिखाया जाएगा।
बादल ने कहा कि ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के तहत, सरकार ने उत्पादक केंद्रों में इन तीन फसलों के पांच क्लस्टरों का निर्माण करने के लिए 161 करोड़ रुपए के अनुदान को मंजूरी दी है। इन पांच क्लस्टरों की कुल लागत 425 करोड़ रुपए है और इससे 15,000 किसानों को लाभ होगा। तीन प्याज क्लस्टर महाराष्ट्र और गुजरात में बनेंगे, आलू और टमाटर के एक-एक क्लस्टर को क्रमशः गुजरात और आंध्र प्रदेश में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन पांच क्लस्टरों में 90,000 टन की भंडारण क्षमता होगी और 3.36 लाख टन की प्रसंस्करण क्षमता होगी।