नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अगले तीन साल में कृत्रिम मेधा, ब्लॉकचेन और साइबर सुरक्षा जैसे भविष्य के क्षेत्रों में चार लाख पेशेवरों को कुशल बनाने के लिए 436 करोड़ रुपए खर्च करने की बुधवार को घोषणा की। कार्यक्रम का नाम फ्यूचर स्किल्स प्राइम है और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा सॉफ्टवेयर कंपनियों का संगठन नॉसकॉम मिलकर कार्यक्रम को शुरू करेंगे।
भारत ऐसे समय में डिजिटल कौशल को बढ़ाने में तेजी ला रहा है जब कहा जा रहा है कि 2030 तक दुनिया भर में 9 करोड़ कुशल लोगों की जरूरत होगी। देश की दिग्गज आईटी कंपनियों ने इस चुनौती को देखते हुए अपने कर्मचारियों को नए प्रौद्योगिकी के बारे में सिखाने और फिर से कुशल बनाने के लिए हर साल 1,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने संवाददाताओं को बताया कि इस कार्यक्रम से रोजगार में वृद्धि होगी। यह देश में मौजूद प्रतिभाओं में डिजिटल प्रौद्योगिकी के महत्व को बढ़ाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए 436 करोड़ रुपए के व्यय को मंजूरी दी है। पिछले चरण में कौशल कार्यक्रम के तहत दो लाख आईटी कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया था।
Latest Business News