नयी दिल्ली। भारतीय मूल के विदेशी नागरिक भी अब एनपीएस ले सकते हैं। सरकार ने बुधवार को कहा कि भारतीय मूल के विदेशी नागरिक प्रवासी भारतीय की तरह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के लिये पात्र होंगे। वित्त मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने प्रवासी भारतीयों की तरह भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों (ओसीआई) को एनपीएस लेने को मंजूरी दे दी है।
विदेशी विनिमय प्रबंधन (गैर-बांड उत्पाद) नियम, 2019 पर आर्थिक मामलों के विभाग की 29 अक्टूबर 2019 को जारी अधिसूचना के तहत ओसीआई एनपीएस को अपना सकते हैं। एनपीएस का संचालन और उसके देख-रेख का जिम्मा पीएफआरडीए के पास है। भारतीय मूल के जो विदेशी नागरिक एनपीएस लेना चाहते हैं, वे पीएफआरडीए कानून के प्रावधानों के तहत निवेश के लिये पात्र होंगे। वे सेवानिवृत्ति राशि/जमा राशि अपने देश ले जा सकेंगें यह फेमा (विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून) दिशानिर्देश पर निर्भर करेगा।
एनपीएस में मिलती है आयकर छूट
एनपीएस में किये गये योगदान पर आयकर कानून की धारा 80सीसीडी (1 बी) के तहत 50,000 रुपए तक के निवेश पर कर में अतिरिक्त छूट है। यह 80 सीसीडी (1) के अलावा है। पीएफआरडीए दो पेंशन योजनाएं एनपीएस और अटल पेंशन योजना चलाती है। 26 अक्टूबर 2019 की स्थिति के अनुसार एनपीएस और अटल पेंशन योजना के तहत अंशधारकों की कुल संख्या 3.18 करोड़ पार कर गयी है। इन योजनाओं के अंतर्गत प्रबंधन अधीन परिसपंत्ति 3,79,758 करोड़ रुपए थी।
जानिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) क्या है?
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) एक पेंशन सह निवेश योजना है जिसे भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को वृद्धावस्था सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है। यह योजना सुरक्षित और विनियमित बाजार आधारित रिर्टन के जरिए प्रभावशाली रूप से आपकी सेवानिवृत्ति की योजना बनाने हेतु एक आकर्षक दीर्घकालिक बचत मार्ग से प्रारंभ होती है। इस योजना का विनियमन पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा किया जाता है। पीएफआरडीए द्वारा स्थापित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली न्यास (NPS Trust) एनपीएस के अंतर्गत सभी आस्तियों का पंजीकृत मालिक है।