नई दिल्ली। आम लोगों और गरीबों को सस्ती दरों पर आसानी से दवाएं मिल सके इसके लिए सरकार जनऔधधि केंद्रों की संख्या बढ़ाने जा रही है। रसायन और उवर्रक मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार की देश भर में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों यानि पीएमबीजेके की संख्या बढ़ाकर 10,500 करने की योजना है। मंत्रालय के मुताबिक संख्या में ये बढ़त मार्च 2025 तक पूरा करने की योजना है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 15 सितंबर 2020 तक देशभर में 6,606 जन औषधि केंद्र आम लोगों और गरीबों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। रसायन और उर्वरक मंत्री डी.वी.सदानंद गौड़ा ने कहा, ‘‘ देश के आम नागरिकों विशेषकर गरीबों को सस्ते दामों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार ने मार्च 2025 तक पीएमबीजेके की संख्या 10,500 करने का लक्ष्य रखा है।’’ बयान के मुताबिक योजना पर अमल होने के बाद देश के हर जिले में जनऔषधि केंद्र होगा। इस कदम से देश के हर कोने में सस्ती गुणवत्तापूर्ण दवाओं तक लोगों की पहुंच सुनिश्चित होगी, और लोगों पर दवाओं के खर्च का बोझ घटाया जा सकेगा।
बयान में कहा गया है कि औषधि केंद्रों के विस्तार के साथ ही सभी स्थानों पर दवाओं का वास्तविक समय में वितरण सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी से लैस लॉजिस्टिक और आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली स्थापित की गयी है जिससे दवाओं की आपूर्ति में तेजी लाई जा सकेगी। देश में पीएमबीजेके के अभी चार गोदाम गुरुग्राम, चेन्नई, बेंगलुरू और गुवाहाटी में कार्यरत हैं। सरकार की योजना है कि देश के अन्य हिस्सों में ऐसे और गोदाम खोले जाएं जिससे आपूर्ति और बेहतर की जा सके। गरीबों को सस्ती दरों पर दवाएं मिल सके इसके लिए प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का ऐलान 2015 में किया गया था। यहां से लोगों को 60 से 70 फीसदी कम कीमत पर दवाए उपलब्ध कराई जाती हैं।
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