नई दिल्ली। सरकार ने बीमा पॉलिसी धारकों की शिकायतों के बेहतर समाधान के लिए बीमा लोकपाल नियमों (Insurance Ombudsman Rules) में संशोधन कर दिया है। इस कदम के बाद न केवल पॉलिसी धारकों की शिकायतों का निपटारा तेज होगा, साथ ही उनके लिए समस्या की शिकायत करना भी पहले से आसान हो जाएगा।
क्या है नए बदलाव
- वित्त मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि संशोधन के जरिये बीमा ब्रोकर भी अब लोकपाल के दायरे में लाए गए हैं।
- इसके अलावा पॉलिसीधारकों को ऑनलाइन शिकायत दायर करने की भी अनुमति दी गई है।
- इसके साथ ही सुनवाई भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की जा सकेगी।
- नियमों में संशोधन से लोकप्रहरी के तहत शिकायतों का दायरा भी बढ़ाया गया है। सरकार ने दो मार्च को बीमा लोकप्रहरी नियम, 2017 (Insurance Ombudsman Rules, 2017 में वृहद संशोधनों को अधिसूचित किया। सरकार के मुताबिक इसका मकसद बीमा लोकप्रहरी तंत्र के कामकाज में सुधार लाना है।
क्या है बीमा लोकपाल
सरकार ने पॉलिसी होल्डर की शिकायतों का निष्पक्ष तरीके से निपटारा करने के लिए बीमा लोकपाल की शुरुआत की थी। पॉलिसी धारक बीमा लोकपाल के पास तब पहुंच सकता है, जब उसे लगता है कि बीमा कंपनी उसकी समस्या का समाधान नहीं कर रही है। देश में कुल 17 बीमा लोकपाल कार्यालय मौजूद हैं, जहां संपर्क कर शिकायत दी जा सकती है। हालांकि संशोधन के बाद अब पॉलिसी धारक ऑनलाइन भी शिकायत कर सकते हैं।
किस बारे में की जा सकती है शिकायत
- बीमाकर्ता द्वारा दावों का पूर्ण या आशिंक अस्वीकरण
- प्रीमियम को लेकर कोई भी विवाद
- दावों को निपटाने में देरी से जुड़ा विवाद
- प्रीमियम दिए जान के बावजूद पॉलिसी जारी न होना
- पॉलिसी को लेकर अन्य कोई विवाद
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