हर बैंक खाताधारक को पता होनी चाहिए ये बात, RBI अगर कर देता है किसी बैंक को बंद तो क्या होगा आपका
किसी भी ग्राहक ने अगर बैंक में 1 लाख रुपए से ज्यादा भी पैसे जमा किए हैं तो भी ग्राहक को 1 लाख रुपए तक का ही बीमा कवर मिलेगा।
नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों में बैंकों के बढ़ते एनपीए के चलते डीफॉल्टर होना आम बात होने लगी है। लेकिन, अगर आपको भी पता चले की आपका बैंक अचानक से बंद होने वाला है तो ऐसे में परेशान न हों। हमारे इस खास रिपोर्ट से जानिए की बैंक के दिवालिया होने पर आपके पैसों का क्या होगा और आप क्या सुरक्षित कदम उठा सकते हैं।
आरबीआई द्वारा लगाई गई रोक
आरबीआई ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) पर अगले 6 महीनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। पीएमसी बैंक पर लगी रोक से बैंक कोई कर्ज न दे सकता है न ले सकता है। साथ ही किसी भी तरह के लोन देने या लोन रिन्यू करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। मतलब ये कि पैसों का कोई भी ट्रांजेक्शन अब अगले 6 महीनों तक बैंक नहीं कर सकेगा। बैंक में जितने भी खाताधारक हैं वो अपने बचत खाते से केवल 10,000 रुपए ही निकाल पाएंगे। ऐसे में इस खबर से सभी पीएमसी बैंक के खाताधारकों का परेशान होना लाजमी है।
चिंता की बात यह है कि पीएमसी में ज्यदातर छोटी कमाई वाले लोगों ने ही अपना खाता खुलवा रखा हैं। ऐसे में बैंक का अचानक से बंद हो जाना ग्रहकों के लिए वाकई परेशानी की बात होगी। आरबीआई के नियमों के मुताबिक बैंक को ग्राहक के जमा पैसे पर बीमा और गारंटी- डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC)- कवर देना होगा। इसके लिए बैंक प्रीमियम भी भरते हैं। वैसे तो सभी बैंक बीमा का प्रीमियम भरते हैं लेकिन फिर भी खाताधारक को क्लेम करने पर 1 लाख से ज्यादा की रकम वापस नहीं मिलती। इसका मतलब यह है कि आपकी कितनी भी रकम बैंक में हो आपको केवल 1 लाख रुपए का ही बीमा कवर वापस मिल सकेगा। DICGC को इस बात से कतई फर्क नहीं पड़ता की बैंक में आपके कितने पैसे जमा थे।
कितना सुरक्षित है ग्राहक का पैसा?
- किसी भी ग्राहक ने अगर बैंक में 1 लाख रुपए से ज्यादा भी पैसे जमा किए हैं तो भी ग्राहक को 1 लाख रुपए तक का ही बीमा कवर मिलेगा। 1 लाख से ज्यादा रकम की बैंक या बीमा कंपनी गारंटी नहीं लेगा।
- मान लिजिए आपका बैंक में 70 हजार रुपए जमा हैं और आपका 30 हजार रुपए ब्याज है, तो ऐसी स्थिति में आपके पैसे बैंक में सुरक्षित हैं। लेकिन, अगर बैंक में आपके 1 लाख रुपए जमा हैं और आपका ब्याज 30 हजार रुपए है तो आपको केवल 1 लाख रुपया ही वापस मिलेगा। यानी की खाताधारक केवल 1 लाख रुपए तक ही बीमा के जरिये पा सकता है।
- अगर आपका एक ही बैंक के कई ब्रांच में खाता है और आपने अलग-अलग रकम जमा की है तो भी आपको 1 लाख का ही बीमा मिलेगा। यानी आपके सारे पैसे सुरक्षित नहीं हैं।
- वहीं अगर अगल-अलग बैंक में पैसा जमा हैं तो आपको सभी बैंक से 1 लाख रुपये ही मिलेंगे। ध्यान देने वाली बात है कि, एक बैंक में सिर्फ 1 लाख रुपए जमा ही सुरक्षित माने जाएंगे।
- आप चाहें तो किसी फर्म, कंपनी के डारेक्टर, पार्टनर के रूप में भी ज्वाइंट अकाउंट खोल सकते हैं। इसका फायदा ये होगा की आपको अलग-अगल खाते का इंश्योरेंस कवर मिल सकेगा।
आरबीआई के नियम:
अगर एक बैंक में आपका एक अकाउंट सिगंल हैं और दूसरा अकाउंट ज्वाइंट है, लेकिन दोनों में ही आपका नाम पहले लिखा हुआ है तो आपका एक ही अकाउंट माना जाएगा और एक अकांउट के लिए ही बीमा कवर मिलेगा। वहीं दूसरी ओर अगर दूसरा ज्वाइंट अकाउंट जीवन साथी और आपके नाम से है और जीवन साथी का नाम पहले और आपका बाद में है तो DICGC के मुताबिक आपको दोनों अकाउंट से 1 लाख रुपए तक का मुआवजा मिलेगा।
ध्यान में रखें कुछ अहम बातें:
किसी भी बैंक में पैसा जमा करने से पहले बैंक की वित्तिय स्थिति हमेशा जांच लें। मौजूदा हालात में बढ़ते एनपीए को देखते हुए आजकल बैंकों के बारे कुछ भी कहना मुश्किल हो गया है। ऐसे में ग्राहक को हमेशा अपने बैंक के बारे पूरी जानकारी होनी चाहिए और सभी तरह के नियमों को जानना भी चाहिए। कभी भी बैंक के डिफॉल्टर होने की खबर मिले तो घबराने की जरूरत नहीं। हमेशा अपने नजदीकी बैंक से संपर्क करें और सारी जानकारी लें। कोशिश करें की हमेशा अच्छे बैंक में पैसा जमा करें और को-ऑपरेटिव बैंक में थोड़ा सोच-समझ और जांच करके ही पैसे जमा करें। इसलिए ग्राहकों को सभी नियमों का जानना जरुरी होता है।