नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ब्यौरा देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने आज यह ऐलान किया कि 15 हजार से तक वेतन पानेवाले कर्मचारियों का पीएफ अगले तीन महीने तक सरकार देगी। निर्मला सीतारामन ने कहा कि कर्मचारियों के ईपीएफओ खाते में कंपनी और कर्मचारियों की ओर से दिये जानेवाले 12-12 प्रतिशत यानी कुल 24 फीसदी के अंशदान को अगले तीन महीने और सरकार वहन करेगी। यह 100 से कम कर्मचारियों वाले संस्थान में 15 हजार रूपये तक की सैलरी पाने वाले कर्मचारियों पर लागू होगा।
इससे पहले भी सरकार ने पीएम गरीब कल्याण योजना के1 लाख 70 हजार करोड़ के पैकेज के तहत तीन महीने के लिए ईपीएफ अंशदान में राहत का ऐलान किया था। लेकिन उस समय यह छूट मार्च, अप्रैल और मई महीने तक के लिए ही तय की गई थी। लेकिन आज वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे अगले तीन महीने और बढ़ाने का ऐलान किया है। इससे 3 लाख 67 हजार ईकाइयों के 72 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ प्राप्त होगा। इससे 2500 करोड़ का लाभ होगा।
सीतारामन ने एमएसएमई के लिए तीन लाख के बिना गांरटी के लोन का ऐलान किया और कहा कि एमएसएमई परिभाषा को बदला जाएगा। निवेश सीमा का दायरा बढ़ाया जाएगा, कारोबार आधारित मानदंड पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एमएसएमई को दिये जाने पर कर्ज को लौटाने के लिये एक साल की मोहलत दी जाएगी, दबाव वाले एमसएएमई को 20,000 करोड़ रुपये का (बिना गारंटी के) कर्ज दिया जाएगा, इससे 2 लाख एमएसएमई लाभान्वित होंगे।
इसके साथ ही कर्मचारी और कंपनी दोनो के पीएफ डिडक्शन का हिस्सा 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किया जाएगा। ये कटौती 3 महीने तक लागू रहेगी। हालांकि PSU को इसकी छूट नहीं मिलेगी उनके लिए डिडक्शन का हिस्सा 12 फीसदी ही रहेगा, हालांकि उनके कर्मचारियों का हिस्सा घटेगा।
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