नई दिल्ली। डिजिटली लोन उपलब्ध कराने वाली फिनटेक स्टार्टअप अर्लीसैलरी ने एजूकेशन फाइनेंस के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ती कंपनी अवांसे फाइनेंशियल सर्विसेस के साथ गठजोड़ कर डिजिटल स्कूल फीस फाइनेंशिंग समाधान उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इस समाधान का नाम फीस (FeES) रखा गया है और यह अर्लीसैलरी एप के जरिये उपलब्ध होगा।
फीस समाधान के जरिये कोई भी अभिभावक स्कूल फीस के लिए 50 हजार रुपए से लेकर तीन लाख रुपए तक का लोन तत्काल ले सकता है। इस लोन को चुकाने के लिए 3 से 6 महीने का विकल्प दिया जाएगा।
गूगल प्ले स्टोर या आईओएस एप स्टोर से अर्लीसैलरी एप को डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें अपनी बुनियादी जानकारी एवं बैंक विवरण के सत्यापन के बाद बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के स्कूल फीस से संबंधित अनुरोध की गई राशि को सीधे स्कूल के बैंक एकाउंट में जमा कर दिया जाता है। इसमें अभिभावकों को कोई भी डाउनपेमेंट नहीं करना होता है। इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए उन्हें 999 रुपए का प्रसंस्करण शुल्क देना होता है। कंपनी इस लोन को किफायती ब्याज दर पर उपलब्ध कराती है।
देश में अंतरराष्ट्रीय स्कूलों की तेजी से बढ़ती संख्या एवं इस क्षेत्र में बढ़ते निवेश के कारण भारत में स्कूली शिक्षा का क्षेत्र निरंतर विकसित हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उन्नत पाठ्यक्रम तथा टेक्नोलॉजी पर आधारित शिक्षा पद्धति की बढ़ती मांग के कारण स्कूली शिक्षा की लागत भी तेजी से बढ़ रही है।
एसोचैम के अनुसार एक बच्चे की सालाना स्कूली फीस लगातार बढ़ रही है। 2005 में यह 55 हजार रुपए सालाना से बढ़कर 2015 में 1.25 लाख रुपए तक पहुंच गई है। मेट्रो शहरों में स्कूली शिक्षा की लागत में तेजी से वृद्धि ने माता-पिता के लिए फीस के एकमुश्त भुगतान को कठिन बना दिया है। इस समस्या के समाधान के लिए ही अर्लीसैलरी और अवांसे ने इस समाधान की शुरुआत की है।
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