Dhanteras 2021 : धनतेरस दिवाली पर इन 7 तरीकों से खरीदिए सोना, सुरक्षा के साथ मिलेगा निवेश का फायदा
आज के डिजिटल जमाने में आपके पास सोने में निवेश के कई और भी विकल्प हैं। जो सुरक्षित भी हैं और फायदेमंद भी।
नई दिल्ली। शुभ और सौभाग्य का पर्व दिवाली अब कुछ ही दिन दूर है। ऐेसे में आपके घर पर भी धनतेरस और दिवाली की शॉपिंग की तैयारियां शुरू हो गई होंगी। धनतेरस पर सोने की खरीदारी सबसे शुभ मानी जाती है। सोने को भविष्य की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षित निवेश भी माना जाता है। इसीलिए परंपरागत रूप से हम दिवाली के दिन सोने या चांदी के सिक्के या गहने खरीदते हैं।
निवेश की दृष्टि से देखा जाए तो गहने ज्यादा बेहतर साधन नहीं माने जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप गहना खरीदते हैं तो उसमें उसकी बनवाई की लागत शामिल होती है। लेकिन बिक्री के वक्त सोने को गला कर उसकी मूल कीमत ही अदा की जाती है। वहीं यदि आप किसी बैंक या आनलाइन स्टोर से सोने का सिक्का खरीदते तो उसमें भी बनवाई शामिल होती है। दूसरी बात यह कि बैंक आपसे यह सोने का सिक्का वापस खरीदता नहीं है। साथ ही सोने के आभूषणों के साथ सुरक्षा का संकट होता है। घर में चोरी होने का डर वहीं बैंक में लॉकर खोलने के लिए आपके मोटी फीस भी अदा करनी होती है। ऐसे में आज के डिजिटल जमाने में आपके पास सोने में निवेश के कई और भी विकल्प हैं। जो सुरक्षित भी हैं और फायदेमंद भी।
सोने में निवेश के विकल्प
सोने में निवेश का सबसे सीधा तरीका सीधे सोना खरीदना है। आप सोने के छड़, सिक्के या आभूषण खरीद सकते हैं। निवेश के लिहाज से सोने के सिक्के या छड़ अधिक आकर्षक हैं। इसके अलावा गोल्ड ईटीएफ, ई-गोल्ड, गोल्ड म्युचुअल फंड, गोल्ड ट्रेडेड फंड, गोल्ड क्वाइन स्कीम, गोल्ड ऑप्शंस एंड फ्यूचर्स, गोल्ड क्वाइन स्कीम और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (एसजीबी) में भी निवेश किया जा सकता है।
1- गोल्ड ईटीएफ
म्यूचुएल फंड की तरह ही गोल्ड ईटीएफ के यूनिट्स डीमैट अकाउंट के जरिए खरीदे या बेचे जा सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ में 99.9 फीसदी शुद्धता का सोना होता है, जिससे निवेशकों को क्वॉलिटी की चिंता नहीं करनी पड़ती है। इसके अलावा गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से सोने की चोरी का जोखिम भी नहीं रहता है। साथ ही, गोल्ड ईटीएफ में छोटी रकम भी निवेश की जा सकती है।
2- ई-गोल्ड
नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (National Spot Exchange) ने निवेशकों को सोने में समेत कई कमोडिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में खरीदने का विकल्प दिया है। ई-गोल्ड को सुबह 10 बजे से रात 11:30 बजे तक खरीदा-बेचा जा सकता है। ई-गोल्ड की 1 यूनिट 1 ग्राम सोने के बराबर होती है। ई-गोल्ड में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है।
3- गोल्ड फंड और फंड ऑफ फंड्स
गोल्ड फंड भी म्यूचुअल फंड की तरह फंड हाउसेज द्वारा चलाए जाते हैं। गोल्ड फंड में निवेश करने के लिए निवेशकों के पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी नहीं है। फंड ऑफ फंड्स के तहत निवेशक ऐसे म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, जिसकी पूंजी गोल्ड ईटीएफ में लगाई जाती है।
4- गोल्ड क्वाइन स्कीम
सोने के सिक्के जूलर, बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और ई-कॉमर्स वेबसाइटों से खरीदे जा सकते हैं। सरकार ने भी खास सोने के सिक्के लॉन्च किए हैं। इनमें एक तरफ अशोक चक्र और दूसरी ओर महात्मा गांधी की तस्वीर है। ये सिक्के 5 और 10 ग्राम में उपलब्ध हैं। सोने की छड़ 20 ग्राम में आती है। इंडियन गोल्ड क्वाइन और बार 24 कैरेट में आते हैं। इनकी बीआईएस स्टैंडर्ड के अनुसार हॉलमार्किंग होती है। इन सिक्कों का वितरण पंजीकृत एमएमटीसी आउटलेट, बैंक की शाखाओं और डाकघरों के जरिए होता है।
5- गोल्ड सेविंग स्कीम
गोल्ड या जूलरी सेविंग स्कीम दो तरीके की होती हैं। एक आपको हर महीने एक निश्चित अवधि के लिए तय रकम जमा करने की अनुमति देती है। इस अवधि के खत्म होने पर आप जमा किए गए मूल्य के बराबर सोना खरीद सकते हैं। इसमें बोनस रकम शामिल होती है।
6- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी)
पेपर गोल्ड खरीदने का यह एक और विकल्प है। इन्हें सरकार जारी करती है। ये हर समय खरीदने के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं। बजाय इसके सरकार इन्हें खरीदने के लिए थोड़े-थोड़े समय पर विंडो खोलती है। अक्सर 2-3 महीने में यह विंडो खुलती है। एक हफ्ते तक यह खुली रहती है, इसी दौरान एसजीबी खरीदने का मौका रहता है।
7- डिजिटल गोल्ड
अब आप सोने के सिक्के, बार और जूलरी ऑनलाइन खरीद सकते हैं। पेटीएम के मोबाइल वॉलेट पर 'डिजिटल गोल्ड' की पेशकश की जा रही है। स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया अपनी वेबसाइट पर 'गोल्डरश' की पेशकश कर रहा है। मोतीलाल ओसवाल ने मी-गोल्ड लॉन्च किया है। इन सभी की पेशकश एमएमटीसी-पीएएमपी के साथ गठजोड़ में की जा रही है। एमएमटीसी-पीएएमपी सार्वजनिक क्षेत्र की एमएमटीसी और स्विटजरलैंड की पीएएमपी के बीच ज्वाइंट वेंचर है।
कैसे चुनें विकल्प?
बार या सिक्कों के रूप में फिजिकल सोना खरीदने की शुरुआती लागत लगभग 10 फीसदी है। आभूषणों के लिए यह इससे भी अधिक है। एसजीबी और गोल्ड ईटीएफ लागत किफायती हैं। एसजीबी में कोई एंट्री कॉस्ट नहीं है। एसजीबी उनके लिए फायदेमंद है जो लंबी अवधि के लिए सोने में निवेश करना चाहते हैं। कारण है कि इनकी मैच्योरिटी 8 साल बाद होती है। हालांकि, लॉक-इन अवधि 5 साल में खत्म हो जाती है। वैसे गोल्ड ईटीएफ में एसजीबी के मुकाबले ज्यादा बेहतर लिक्विडिटी होती है।