नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पहली फरवरी को आम बजट पेश करते हुए छोटे करदाताओं को राहत देते हुए कहा कि पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों को एक साल तक स्क्रूटिनी से छूट मिलेगी। उन्होंने कहा कि 5 लाख तक की आय वाले करदाता केवल एक पन्ने का फॉर्म भरकर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। लेकिन, रिटर्न में देरी होने पर लेट फीस जरूर भरनी होगी।
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10,000 रुपए तक लगेगी लेट फीस
- वित्त मंत्री ने कहा कि इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि के बाद अगर कोई रिटर्न दाखिल करता है तो लेट फीस के तौर पर 5,000 रुपए भरने होंगे।
- वहीं, अगर कोई व्यक्ति 31 दिसंबर के बाद रिटर्न दाखिल करता है तो यह लेट फीस 10,000 रुपए होगी।
- हालांकि, जिन लोगों की कुल आय 5 लाख से अधिक नहीं है, उनके लिए बजट में राहत दी गई है।
- ऐसे करदाताओं को लेट फीस के रूप में अधिकतम 1,000 रुपए ही भरने होंगे।
तस्वीरों में देखिए एटीएम कार्ड पर लिखे नंबरों का मतलब
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इसलिए लगाई गई लेट फीस
- वित्त मंत्री ने कहा कि देश के GDP अनुपात की तुलना में भारत का टैक्स कलेक्शन बेहद कम है।
- असंगठित क्षेत्र में करीब 4.2 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं, जिनमें से 1.74 करोड़ लोग रिटर्न फाइल करते हैं।
- असंगठित क्षेत्र और छोटे-मोटे कारोबार करने वाले 5.6 करोड़ लोगों में से मात्र 1.81 करोड़ लोग ही रिटर्न दाखिल करते हैं।
- टैक्स भुगतान और बेहतर टैक्स प्रबंधन के लिए करदाताओं से जुड़ी जानकारियों के प्रभावी उपयोग के लिए यह जरूरी है कि रिटर्न तय तारीख तक दाखिल कर दिए जाएं।
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