रसोईगैस उपभोक्ताओं के लिये खुशखबरी, BPCL सालाना बचाएगी आपके एक सिलेंडर का खर्च
एलपीजी की खपत सालाना लगभग 2.8 करोड़ टन है और मांग औसतन छह प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इसके जल्द ही तीन करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है
नई दिल्ली। ईंधन के बढ़ते दामों के बीच अब कंपनियां ईंधन की खपत घटाने के लिये नई नई तकनीकों पर काम कर रही हैं और सफल हो भी रही हैं। इसी कड़ी में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. एक उच्च क्षमता वाला स्टोव पेश किया है जो रसोई गैस की खपत को कम करने के साथ साथ इस्तेमाल के अनुभव और बेहतर बनाने के लिये डिजाइन किया गया है। भारत हाई स्टार स्टोव को ग्रेटर नोएडा स्थित कंपनी के आरएंडडी सेंटर के 20 साल पूरे होने के अवसर पर पेश किया गया है। कंपनी के मुताबिक बेहतर स्टोव की मदद से ग्राहकों का सालाना एक सिलेंडर के बराबर खर्च बच सकता है।
क्या है स्टोव की खासियत
कंपनी के मुताबिक भारत आई स्टार स्टोव की थर्मल एफिशिएंसी 74 प्रतिशत है, जबकि सामान्य गैस स्टोव की थर्मल एफिशिएंसी 68 प्रतिशत है यानि नया स्टोव पुराने स्टोव के मुकाबले 6 प्रतिशत कारगर है। बीपीसीएल के निदेशक (रिफाइनरी और मार्केटिंग) अरुण कुमार सिंह के मुताबिक ये स्टोव मौजूदा स्टोव की गैस-से ताप के संबंध में 68 प्रतिशत दक्षता के मुकाबले छह प्रतिशत अधिक ताप प्रदान करते है। इस इनोवेशन से हर परिवार को भोजन पकाने में औसतन सालाना एक एलपीजी सिलेंडर की बचत होगी। सिंह ने कहा कि यदि यह गैस स्टोव सभी घरों में पंहुचा दिया जाता है तो इससे सालाना 17 लाख टन एलपीजी यानी सात हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। उन्होंने कहा कि एलपीजी की खपत सालाना लगभग 2.8 करोड़ टन है और मांग औसतन छह प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इसके जल्द ही तीन करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है।
बीपीसीएल ने फाइल किये स्टोव के लिये पेटेंट
कंपनी ने इस गैस स्टोव के लिये भारतीय पेटेंट ऑफिस में 4 पेटेंट एप्लीकेशन और 4 डिजाइन रजिस्ट्रेशन दाखिल किये हैं। इसके साथ ही कंपनी ने जानकारी दी है कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि.(बीपीसीएल) को पिछले दो दशक में 80 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त हुए हैं, जबकि उसे 53 से अधिक मामलों में स्वीकृति की प्रतीक्षा है। इसमें एक पेटेंट की इस सूची में कच्चे तेल की परख करने वाला सबसे तेज और सबसे सस्ता उपकरण बीपीमार्क भी शामिल है। कंपनी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में स्थित उसके अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) केंद्र ने अकेले 18 पेटेंट पिछले 12 महीनों में प्राप्त किये हैं। बीपीसीएल का आर एंड डी बजट 80 से 100 करोड़ रुपये वार्षिक का है।
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