नई दिल्ली। महिलाओं को सशक्त बनाने और कृषकों की आय दोगुनी करने के इरादे से महिलाओं को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस तरह की एक प्रशिक्षण योजना ‘बी पाजिटिव-मधुशक्ति परियोजना’ के तहत महिलाओं को मधुमक्खी पालन, उनकी देखभाल, रोग एवं कीड़ों से बचाव, शहद निकालने आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। बी-पॉजिटिव-मधु शक्ति परियोजना पीएचडी-आरडीएफ (पीएचडी- ग्रामीण विकास कोष) के सहयोग से समाजिक स्टार्टअप बी-पॉजिटिव चला रही है।
यह परियोजना हरियाणा के अलावा महाराष्ट्र में भी संचालित है। बी पाजिटिव की विज्ञप्ति के अनुसार हरियाणा के रेवाड़ी के बावल स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में गांवों की 100 से अधिक महिलाओं को मधुमक्खी पालन पर चार दिन (22 से 25 फरवरी) का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान महिला प्रशिक्षणार्थियों को मधुमक्खी पालन मधुमक्खियों की देखभाल, रोग व कीड़ों से वचाव, शहद निकालना आदि पर व्वहारिक व तकनीकी प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण पूरा होने के बाद संस्थान ने प्रत्येक प्रशिक्षणार्थियों को 5-5 मधुमक्खी बक्से व आवश्यक उपकरण किट प्रदान किये। साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र ने 103 महिला प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये। बयान के अनुसार प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं को मधुमक्खी पालन का व्यवसाय प्रारम्भ कराया जायेगा तथा एक वर्ष तक की अवधि के लिए इस व्यवसाय के लिए आवश्यक तकनीकी सहायता महिलाओं के घर तक प्रदान की जायेगी ।
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