नई दिल्ली। जल्द ही बाजार में एक नया मोबाइल एप्लीकेशन आने वाला है, जिसका उपयोग कर किसान चैटबोट के जरिये अपनी फसलों से संबंधित सवाल सीधे वैज्ञानिकों से पूछ सकेंगे और वैज्ञानिक उनके सवालों का जवाब देने के लिए लाइव उपलब्ध होंगे।
मुंबई के विवेकानंद एजुकेशन सोसाएटी के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छह छात्रों ने अहम नामक यह एप बनाया है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा 28 नोडल सेंटर्स पर आयोजित प्रतियोगिता में छात्रों को 36 घंटे के भीतर एप बनाना था।
इस एप को बनाने वाली टीम की सदस्य दीपा नारायणन ने बताया कि यह एप मूल रूप से एरोमेटिक और मेडिसनल प्लांट की जानकारी देने के लिए है। लोगों के पास नकदी फसल जैसे कपास, दलहन आदि के बारे में तो जानकारी है लेकिन एरोमेटिक व मेडिसनल प्लांट के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है। इसलिए हमने इस एप को तैयार किया है।
एप पर खास फसलों के लिए उपयुक्त जमीन के प्रकार, मौसम, जलवायु और समय के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई है। एप पर बाजार की भी जानकारी है, जिससे किसान बीते व आने वाले समय में फसल की मांग के बारे में जान सकते हैं।
इस एप में जियो-कोडेड सिस्टम है जो किसानों को यह जानकादी देगा कि कौन सी जगह कौन सा पौधा अच्छी तरह से वृद्धि कर सकता है। चूंकि किसान मेडिसनल फसलों के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, इसलिए इस एप में एक एडवाइजरी बोर्ड भी दिया गया है, जिसमें दो सेक्शन हैं। यह चैट एप है जो कि रोबोटिक उत्तर के समान है। यदि एक किसान फोन के माइक में अपना सवाल पूछता है तो चैटबोट उत्तर देगा। यदि चैटबोट किसी सवाल का जवाब देने में असमर्थ होगा, तब ऐसे मामले में सवाल को वैज्ञानिक के पास भेजा जाएगा। वैज्ञानिक रियल टाईम चैटिंग सेशन में इस सवाल का उत्तर देगा।
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