ऑनलाइन फूड ऑर्डर लेने वाली एग्रीगेटर जोमैटो ने शुक्रवार को कहा कि उसने अपने ग्रोथ के मकसद को पूरा करने के लिए योग्य संस्थागत निवेशकों को इक्विटी शेयर बेचकर 8,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी के सीईओ दीपिंदर गोयल ने पहले बताया था कि प्रस्तावित फंड जुटाने का मकसद अपनी बैलेंस शीट को मज़बूत करना है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, कंपनी ने 25 नवंबर को अपना क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) इश्यू खोला, जो गुरुवार को बंद हो गया।
शेयर अलॉट करने को मंज़ूरी
खबर के मुताबिक, एक रेगुलेटर को फाइल किए गए पेपर में कंपनी ने बताया कि उसके बोर्ड की फंड जुटाने वाली समिति ने पात्र योग्य संस्थागत खरीदारों को 252.62 रुपये प्रति शेयर के इश्यू मूल्य पर 33,64,73,755 (33.65 करोड़) शेयर अलॉट करने को मंज़ूरी दे दी है, जो कुल मिलाकर 8,500 करोड़ रुपये है। ये शेयर निवेशकों को फ़्लोर प्राइस से 5 प्रतिशत छूट पर आवंटित किए गए थे, जो 265.91 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था। शुक्रवार को 14:26 बजे जोमैटो के शेयर 2.08 फीसदी की गिरावट के साथ 280.15 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे।
सीसीआई की जांच का सामना
प्रतिस्पर्धा रोधी गतिविधियों के लिए सीसीआई की जांच का सामना कर रही जोमैटो ने कुछ दिनों पहले दावा किया है कि वह देश के कानूनों का अनुपालन करती है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच पर कंपनी ने उन खबरों को भ्रामक करार दिया था जिसमें जोमैटो द्वारा कुछ रेस्तरां भागीदारों को कथित तरजीह देने की बात कही गई है।
कंपनी के वित्तीय नतीजे
जोमैटो लिमिटेड ने जुलाई-सिंतबर तिमाही में 176 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ दर्ज किया है। आलोच्य अवधि में कंपनी का एकीकृत परिचालन राजस्व 4,799 करोड़ रुपये रहा। इस दौरान उसका कुल व्यय 4,783 करोड़ रुपये रहा जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 3,039 करोड़ रुपये था। जोमैटो ने कहा था कि सितंबर तिमाही और पहली छमाही के उसके परिणामों की तुलना अन्य तिमाहियों और छमाही नतीजों से नहीं की जा सकती है।
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