शेयर बाजार निवेशकों के लिए चालू वित्त वर्ष 2023-24 एक सुनहरा सपने को पूरा करने वाला रहा है। इस दौरान शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी जारी रही है। इसका फायदा शेयरों में निवेश करने वाले लाखों निवेशकों को हुआ है। आपको बता दें कि शेयर बाजार में तेजी के साथ निवेशकों की संपत्ति चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 128.77 लाख करोड़ रुपये बढ़ी है। यानी निवेशकों की इतनी कमाई 1 अप्रैल 2023 से लेकर 28 मार्च 2024 तक की। इस तरह बीते 12 महीने में कई शेयर ने निवेशकों को मालामाल करने का काम किया।
इस कारण बाजार में लौटी तेजी
अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद, पूंजी प्रवाह बढ़ने तथा कंपनियों के बेहतर वित्तीय परिणाम से बाजार को समर्थन मिला। घरेलू शेयर बाजार का प्रदर्शन 2022-23 में हल्का रहा था। वहीं 2023-24 में इसमें उल्लेखनीय सुधार आया है। वित्त वर्ष 2023-24 में बीएसई सेंसेक्स 14,659.83 अंक यानी 24.85 प्रतिशत मजबूत हुआ। वहीं निफ्टी 4,967.15 अंक यानी 28.61 प्रतिशत चढ़ा। सात मार्च को मानक सूचकांक सेंसेक्स रिकॉर्ड 74,245.17 के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। इसके साथ, बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2023-24 में 1,28,77,203.77 करोड़ रुपये बढ़कर 3,86,97,099.77 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
ग्लोबल फैक्टर का भी नहीं हुआ असर
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि.के प्रबंध निदेशक सुनील न्याति ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं, बढ़ती ब्याज दर और आसन्न वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच देश के शेयर बाजार ने पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में उल्लेखनीय मजबूती दिखायी। यहां तक कि वैश्विक स्तर पर जारी राजनीतिक तनाव के कारण भी उत्पन्न झटके कुछ समय के लिए थे। बाजार में जो मजबूती थी, उससे इन चुनौतियों से बखूबी पार पाने में मदद मिली।’’ इस साल दो मार्च को बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 394 लाख करोड़ रुपये के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष के अंतिम कारोबारी दिन 655.04 अंक यानी 0.90 प्रतिशत की बढ़त के साथ 73,651.35 अंक पर बंद हुआ।
भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती से मिला फायदा
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय शेयर बाजार में तेजी का श्रेय मुख्य रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत बुनियाद को दिया जा सकता है। इसकी वजह से अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम रही है। निरंतर राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद और अतिरिक्त आर्थिक सुधारों की संभावना बाजार को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसके अलावा, यह माना जा रहा है कि ब्याज अपने उच्चस्तर पर है, इसमें अब वृद्धि की संभावना नहीं है।’’
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