सोने के अंडे देने वाली मुर्गी! 1 साल में 600% तक भागे ये ग्रीन एनर्जी शेयर, क्या है इसके पीछे का राज?
Green Energy Stocks : पिछले एक साल में ग्रीन एनर्जी शेयरों ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है। केपी एनर्जी के शेयर ने 599 फीसदी का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है।
Multibagger stocks : वित्त वर्ष 2024 के दौरान भारत में उत्पादित की गई कुल नई बिजली में 70 फीसदी से अधिक का योगदान रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) का रहा है। इसके चलते ग्रीन एनर्जी से जुड़े शेयरों (Green Energy Stocks) में बंपर उछाल देखने को मिला है। पिछले एक साल में इन शेयरों ने 600 फीसदी तक का रिटर्न दिया है। एनर्जी सिक्युरिटी प्राप्त करने और इसमें आत्मनिर्भर बनने पर फोकस के चलते एनर्जी के सभी पहलुओं जैसे- उत्पादन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में एक बड़ा बदलाव हो रहा है। इस बदलाव से अगले दशक में अरबों डॉलर की कई नईं कंपनियों के उदय होने की उम्मीद है।
कोयले की हिस्सेदारी पहली बार 50% से नीचे
भारत की कुल इंस्टॉल्ड एनर्जी कैपेसिटी अब 442 गीगीवॉट तक पहुंच गई है। इसमें रिन्यूएबल एनर्जी का योगदान 33 फीसदी है और हाइड्रो का योगदान 11 फीसदी है। वहीं, कोयले की भारत में कुल इन्स्टॉल कैपेसिटी में हिस्सेदारी पहली बार 50 फीसदी से नीचे चली गई है। एनर्जी सेक्टर में हो रहे इस बदलाव के कारण निवेशक ग्रीन एनर्जी शेयरों की तरफ रुख कर रहे हैं।
599 फीसदी तक उछल गए शेयर
केपी एनर्जी का शेयर पिछले एक साल में 599 फीसदी उछल गया है। केपीआई ग्रीन एनर्जी के शेयर में 455 फीसदी का उछाल आया है और WAA सोलर का शेयर 422 फीसदी उछल गया है। दूसरे टॉप मल्टीबैगर्स में एसजेवीएन, बीएफ यूटिलिटीज, ओरिएंट ग्रीन पावर कंपनी और एनएचपीसी शामिल हैं।
शेयर का नाम | 1 साल में रिटर्न |
केपी एनर्जी | 599% |
केपीआई ग्रीन एनर्जी | 455% |
WAA सोलर | 422% |
एसजेवीएन | 288% |
बीएफ यूटिलिटीज | 166% |
ओरिएंट ग्रीन पावर कंपनी | 152% |
एनएचपीसी | 120% |
अडानी ग्रीन एनर्जी | 83% |
एनर्जी डेवलपमेंट कंपनी | 43% |
ग्रीन एनर्जी शेयरों में ही क्यों है तेजी
ग्रीन एनर्जी स्टॉक्स मुख्य रूप से सौर, पवन, हाइड्रो आदि जैसे रिन्यूएबल एनर्जी इकोसिस्टम से संबंधित होते हैं। यह सेक्टर लाइमलाइट में है, क्योंकि भारत का साल 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता तक पहुंचने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। संशोधित लक्ष्य 2030 तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50% रिन्यूएबल एनर्जी से प्राप्त करना है। साल 2023 में भारत ने हरित पूंजीगत व्यय पर 30 अरब डॉलर खर्च किए। मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि यह 2022-32 के दशक में कुल मिलाकर 400 अरब डॉलर से अधिक हो जाएगा।