Mukesh Ambani ने क्या बना लिया है Jio को पब्लिक करने का मन! कब तक आ सकता है यह भीमकाय IPO?
Reliance jio ipo launch date : जेफरीज के अनुसार, ताजा टैरिफ हाइक और 5जी मोनेटाइजेशन के बाद जियो की वैल्यूएशन करीब 11.11 लाख करोड़ रुपये है। जियो का आईपीओ भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
रिलायंस जियो इन्फोकॉम (Reliance Jio Infocomm) मोबाइल रिचार्ज महंगा करने और अपने 5 जी बिजनेस को मोनेटाइज करने में सबकी अगुआई करता दिख रहा है। यह इस टेलीकॉम मार्केट लीडर के भारत के सबसे बड़े आईपीओ (IPO) के लिये तैयार होने का संकेत हो सकता है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि जल्द ही यानी अगले साल की शुरुआत में जियो का आईपीओ (Jio IPO Date) आ सकता है। विश्लेषकों और इंडस्ट्री के दिग्गजों को उम्मीद है कि अगले महीने होने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सालाना आम बैठक (RIL AGM) में जियो के भीमकाय आईपीओ पर कुछ स्पष्टता आ जाएगी।
अब सेट है प्लेटफॉर्म
एक्सपर्ट्स का कहना है कि टेलीकॉम मार्केट लीडर के बहुप्रतीक्षित आईपीओ के लिए प्लेटफॉर्म अब सेट है। टैरिफ हाइक और 5जी कारोबार के पैसे से आने वाली तिमाहियों में जियो की प्रति यूजर एवरेज इनकम (ARPU) में वृद्धि होगी। इससे कंपनी आईपीओ से पहले संभावित निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बन जाएगी।
11.11 लाख करोड़ रुपये है वैल्यूएशन
ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने कहा कि वह आगामी रिलायंस एजीएम में जियो की लिस्टिंग के बारे में किसी भी डेवलपमेंट का इंतजार कर रहा है। जेफरीज ने कहा कि मोनेटाइजेशन पर बढ़ता फोकस इसकी जल्द लिस्टिंग का बड़ा संकेत हो सकता है। जेफरीज के अनुसार, ताजा टैरिफ हाइक और 5जी मोनेटाइजेशन के बाद जियो की वैल्यूएशन करीब 11.11 लाख करोड़ रुपये है। इस वैल्यूएशन के आधार पर जियो का आईपीओ भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। वर्तमान नियमों के अनुसार, ₹1 लाख करोड़ या उससे अधिक के मूल्यांकन वाली कंपनियों को आईपीओ में कम से कम 5% हिस्सेदारी बेचनी होती है (छोटी कंपनियों के लिए, न्यूनतम 10% है)। इसका अर्थ है कि जियो की शेयर बिक्री जेफरीज द्वारा दिए गए वर्तमान मूल्यांकन के आधार पर ₹55,500 करोड़ रुपये मूल्य की हो सकती है।
LIC लाई थी 21,000 करोड़ का आईपीओ
भारत में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ 2022 में सार्वजनिक क्षेत्र की जीवन बीमा निगम (LIC) का ₹21,000 करोड़ से अधिक का ऑफर रहा है, जब उसने एक विशेष मामले के रूप में केवल 3.5% हिस्सेदारी बेची थी। इस बीच, हुंडई मोटर की भारतीय इकाई ने पिछले महीने 17.5% हिस्सेदारी बेचकर ₹25,000 करोड़ तक जुटाने के लिए नियामकीय मंजूरी मांगी थी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास है 67.03% हिस्सेदारी
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज Jio Platforms Ltd (JPL) में 67.03% की हिस्सेदारी रखती है, जिसमें रिलायंस की दूरसंचार और डिजिटल संपत्तियां शामिल हैं। दूरसंचार व्यवसाय JPL के अधिकांश कार्यों का हिस्सा है। शेष 32.97% में से 17.72% सामरिक निवेशकों मेटा और गूगल के पास सामूहिक रूप से है। जबकि विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, केकेआर, पीआईएफ, सिल्वर लेक, एल कैटरटन, जनरल अटलांटिक और टीपीजी सहित वैश्विक पीई निवेशकों के पास शेष 15.25% हिस्सेदारी है। JPL ने 2020 में इन मशहूर वैश्विक निवेशकों से ₹1.52 लाख करोड़ से अधिक जुटाए थे।