बीते एक साल से आई सेक्टर में पैसा लगाने वाले निवेशक नुकसान झेल रहे हैं। लेकिन दिसंबर तिमाही में आई आईटी सर्विस कंपनियों के नतीजों ने एक बार फिर इन कंपनियों में मुनाफे की उम्मीदें ताजा कर दी हैं। भारत की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा कंपनियों ने वैश्विक अनिश्चितताओं और उतार-चढ़ाव के बीच दिसंबर तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 14-20 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज की। ऐसे में यह उम्मीद भी बनी हुई है कि लागत और व्यावसायिक पहलू तकनीकी मांग को बढ़ावा देंगे।
आईटी कंपनियों के कमाई के आंकड़े टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के साथ आने शुरू हुए। विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मंदी और भू-राजनीतिक तनाव के आसपास विश्लेषकों की निराशाजनक भविष्यवाणी के बीच ये नतीजे आए। उद्योग के दिग्गजों ने कहा कि वे वैश्विक अर्थव्यवस्था और संकेतों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। कुल मिलाकर शीर्ष आईटी कंपनियों का राजस्व वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 14-20 प्रतिशत तक बढ़ा। इसी तरह पिछली तिमाही के मुकाबले यह वृद्धि तीन प्रतिशत से आठ प्रतिशत के बीच रही।
इसी तरह शीर्ष आईटी कंपनियों का शुद्ध लाभ दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर तीन प्रतिशत (विप्रो) से 19 प्रतिशत (एचसीएल टेक) के बीच बढ़ा। पिछली तिमाही से तुलना करें, तो यह वृद्धि चार प्रतिशत (टीसीएस) से 17 प्रतिशत (एचसीएल टेक) के बीच रही। समीक्षाधीन तिमाही में टीसीएस का कुल राजस्व 19.1 प्रतिशत बढ़कर 58,229 करोड़ रुपये हो गया।
भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी के मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन ने कहा कि कंपनी उत्तरी अमेरिकी और ब्रिटिश परिचालन को लेकर आश्वस्त है। उन्होंने हालांकि कहा कि यूरोप को लेकर कुछ अल्पकालिक अनिश्चितताएं हैं, जिस पर गहन निगरानी की जरूरत है। इन्फोसिस का एकीकृत राजस्व दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 20.2 प्रतिशत बढ़ा। कंपनी ने पूरे साल के राजस्व पूर्वानुमान को 16-16.5 प्रतिशत तक बढ़ाकर कई लोगों को चौंका दिया। विप्रो ने अपने नतीजों में खुदरा क्षेत्र में संभावित मंदी की बात कही है। हालांकि, कंपनी चौथी तिमाही को लेकर आशान्वित है।
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