आज Adani Group के ये शेयर होंगे रॉकेट? कल ही दब गया था ट्रिगर
Adani Group Stocks: आज बाजार खुलते ही अडानी ग्रुप के कुछ शेयरों में उछाल होने की उम्मीद की जा रही है। इसके पीछे कल अडानी ग्रुप की एक कंपनी द्वारा विदेश में नए काम का शुरू किया जाना है। जब कोई कंपनी कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करती है तो उससे उसके शेयर में बढ़त देखने को मिलती है।
Adani Group Share News: जब से हिंडनबर्ग का अडानी ग्रुप को लेकर रिपोर्ट आया है। अडानी समूह की कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट देखी गई है। सबसे नीचले स्तर की गिरावट से कंपनी ने खुद को काफी मजबूत बनाया है। इन दिनों अडानी पावर के शेयर की मार्केट वैल्यू भी बढ़ी है। आज शेयर बाजार में बड़ी उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। अडाणी पावर ने रविवार को कहा कि उसने झारखंड के गोड्डा स्थित अपने बिजली मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति करनी शुरू कर दी गई है। अडाणी समूह की कंपनी अडाणी पावर लिमिटेड (एपीएल) ने एक बयान में कहा कि झारखंड के गोड्डा में 800 मेगावाट क्षमता की पहली थर्मोइलेक्ट्रिक यूनिट से प्रोडक्शन शुरू हो गया है। इस संयंत्र से पैदा होने वाली 748 मेगावाट बिजली कंपनी समझौते के अनुरूप बांग्लादेश को भेजी जा रही है। कंपनी ने कहा कि गोड्डा संयंत्र से बिजली आपूर्ति बांग्लादेश को किए जाने से पड़ोसी देश में बिजली की स्थिति सुधरेगी, क्योंकि इससे वहां खरीदी जाने वाली बिजली की औसत लागत में कमी आएगी।
कंपनी के तरफ से दी गई जानकारी
अडाणी पावर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस बी ख्यालिया ने कहा कि गोड्डा बिजली संयंत्र भारत और बांग्लादेश के दीर्घकालिक संबंधों में एक रणनीतिक स्थान रखता है। नवंबर 2017 में अडाणी पावर की अनुषंगी इकाई अडाणी पावर झारखंड लिमिटेड के साथ बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड ने 1,496 मेगावाट बिजली की खरीद का समझौता किया था। इस समझौते के तहत गोड्डा में 800-800 मेगावाट क्षमता की दो परियोजनाएं स्थापित की जानी थी। अडाणी पावर ने कहा कि गोड्डा संयंत्र की पहली इकाई ने उत्पादन शुरू होने के पहले दिन से ही पूरी क्षमता से काम करना शुरू कर दिया है। यह देश में इस तरह का पहला बिजली संयंत्र है। इस संयंत्र की 800 मेगावाट क्षमता वाली दूसरी इकाई के भी जल्द उत्पादन शुरू करने की उम्मीद है। बता दें कि हाल ही में अडानी ग्रुप को एक बड़ी सफलता मिली थी। अडानी पोर्ट और स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने घोषणा करते हुए कहा था कि नेशनल लॉ ट्रिब्यूनल के अप्रूवल (NCLT) मिलने के बाद कराईकल पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण कर लिया गया है।
ये है इस पोर्ट की कहानी
कराईकल पोर्ट भारत के पूर्वी तट पर एक बारहमासी गहरे पानी का बंदरगाह है, जिसे पुडुचेरी सरकार द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत निर्माण, संचालन और हस्तांतरण प्रारूप पर विकसित किया गया था। कराईकल पोर्ट को 2009 में चालू किया गया था और पुडुचेरी के कराईकल जिले में विकसित किया गया था। यह चेन्नई और तूतीकोरिन के बीच एकमात्र प्रमुख बंदरगाह है और इसका रणनीतिक स्थान इसे मध्य तमिलनाडु के औद्योगिक समृद्ध भीतरी इलाकों तक आसान पहुंच प्रदान करता है। बंदरगाह को 14-मीटर जल ड्राफ्ट मिलता है और इसमें 600 एकड़ से अधिक का भूमि क्षेत्र है। इसके मौजूदा बुनियादी ढांचे में 5 ऑपरेशनल बर्थ, 3 रेलवे साइडिंग, मैकेनाइज्ड वैगन-लोडिंग और ट्रक-लोडिंग सिस्टम सहित मैकेनाइज्ड बल्क कार्गो हैंडलिंग सिस्टम, 2 मोबाइल हार्बर क्रेन और एक बड़ा कार्गो स्टोरेज स्पेस शामिल है जिसमें ओपन यार्ड, 10 शामिल हैं। तमिलनाडु के नागपट्टिनम में आगामी सीपीसीएल की 9 एमएमटीपीए की नई रिफाइनरी कराईकल पोर्ट के लिए अतिरिक्त बड़ी मात्रा में तरल कार्गो को संभालने का अवसर प्रस्तुत करती है।