नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने फरवरी के पहले चार कारोबारी सत्रों में भारतीय बाजारों से 6,834 करोड़ रुपये की निकासी की है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने इस दौरान शेयरों से 3,627 करोड़ रुपये और ऋण या बांड बाजार से 3,173 करोड़ रुपये निकाले हैं। इससे पहले लगातार चार माह से एफपीआई शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बेहद नरम मौद्रिक नीति रुख को समाप्त करने का संकेत दिया है। उसके बाद से एफपीआई की बिकवाली काफी तेजी से बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद के बीच वैश्विक स्तर पर बांड प्रतिफल भी बढ़ा है। इसके चलते निवेशक जोखिम वाली संपत्तियों में निवेश घटा रहे हैं और सोने जैसे निवेश के सुरक्षित पनाहगाह की ओर रुख कर रहे हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर वृद्धि केंद्रित बजट की वजह से निकासी पर कुछ अंकुश लगा है, लेकिन बजट के विदेशी कोषों के प्रवाह पर असर का अनुमान आगामी कुछ सप्ताहों में स्पष्ट हो सकेगा।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, एफपीआई ने बैंक और आईटी शेयरों में भारी बिकवाली की है। वहीं उन्होंने धातु शेयरों में लिवाली की है। कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ऊंची मुद्रास्फीति तथा आगामी माह में अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना के चलते शेयर बाजारों में काफी उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
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