A
Hindi News पैसा बाजार टीसीएस की शेयर बायबैक ऑफर में ये स्ट्रैटजी दिलाएगी छप्परफाड़ रिटर्न

टीसीएस की शेयर बायबैक ऑफर में ये स्ट्रैटजी दिलाएगी छप्परफाड़ रिटर्न

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि इस सवाल का जवाब छोटी और लंबी अवधि के निवेशकों के लिए अलग—अगल हैं। अगर कोई निवेशक छोटी अवधि के लिए निवेश कर रहा है तो उसे जरूर इस बायबैक ऑफर का फायदा लेना चाहिए।

<p>TCS</p>- India TV Paisa Image Source : INDIA TV TCS

Highlights

  • लंबी अविध के निवेशकों को इस बायबैक ऑफर से दूर रहना चाहिए
  • छोटी अवधि के निवेशकों के लिए यह मौका है जल्द मोटा रिटर्न पाने का
  • 4,500 रुपये प्रति शेयर मूल्य पर 18,000 करोड़ के शेयर बायबैक करेगी कंपनी

नई दिल्ली। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस लिमिटेड (टीसीएस) ने 4,500 रुपये प्रति शेयर के मूल्य पर 18,000 करोड़ रुपये तक के शेयर बायबैक (पुनर्खरीद) कार्यक्रम के ऐलान के बाद से निवेशकों में ऊहापोह की स्थिति हैं कि वो क्या करें? मंगवार को मामूली गिरावट के साथ टीसीएस के शेयर का भाव 4,003 रुपये था। यानी बायबैक ऑफर में निवेशकों को मौजूदा भाव 500 रुपये अधिक मिलेंगे। अब सवाल उठता है कि टीसीएस के शेयर होल्ड करने वाले निवशकों को बायबैक में भाग लेना चाहिए या नहीं? 

बाजार विशेषज्ञों की बायबैक पर राय 

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि इस सवाल का जवाब छोटी और लंबी अवधि के निवेशकों के लिए अलग—अगल हैं। अगर कोई निवेशक छोटी अवधि के लिए निवेश कर रहा है तो उसे जरूर इस बायबैक ऑफर का फायदा लेना चाहिए। वहीं, अगर कोई निवेश लंबी अविध के लिए टीसीएस में निवेश किया है तो उसे इस बायबैक ऑफर से दूर रहना चाहिए। ऐसा इ​सलिए कि कोरोना महामारी के बाद आईटी कंपनियों की कमाई कई गुना बढ़ गई है। आगे भी आईटी की जरूरत कम नहीं होने वाली है। वहीं, टीसीएस आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी है। यानी कंपनी की आय आने वाले सालों में तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। अगर कंपनी की आय और मूल्यांकन बढ़ती है तो शेयर के मूल्य में उछाल आना तय है। यानी लंबी अवधि के लिए निवेश किए निवेशकों को मोटा रिटर्न मिलना तय है। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक को अपने शेयर बायबैक के तहत तभी बेचने चाहिए जब कंपनी के शेयर की वैल्यू काफी अधिक (ओवरवैल्यूड) है और कंपनी के पास ग्रोथ के कोई खास मौके नहीं हैं। 

क्या होता है बायबैक 

कोई कंपनी जब अपने ही शेयर धारकों से शेयर खरीदती है तो इसे बायबैक कहा जाता हैं। ये आईपीओ का उलट है, क्योंकि कोई कंपनी आईपीओ में शेयर बेचती है। बायबैक प्रोसेस पूरी होने के बाद इन शेयरों का वजूद खत्म हो जाएगा। बायबैक कई कारणों से होता है। कंपनी की बैलेंस शीट में अतिरिक्त नकदी का होना इसमें बड़ा कारण है। ज्यादा नकदी का होना अच्छा नहीं माना जाता। 

Latest Business News