चीन में कोरोना से मचे हाहाकार के बाद पूरी दुनिया इस महामारी का डर से सहमी हुई है। भारतीय शेयर बाजार में भी इसका डर साफ दिखाई दे रहा है। संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने से शुक्रवार को एशियाई बाजारों में गिरावट का रुख रहा। वहीं स्थानीय बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे। देश के दोनों प्रमुख सूचकांकों में गिरावट का यह लगातार चौथा दिन रहा।
निवेशकों की भारी बिकवाली से बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 980.93 अंक यानी 1.61 प्रतिशत लुढ़कते हुए 59,845.29 अंक पर खिसक आया। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 1,060.66 अंक यानी 1.74 प्रतिशत तक धराशायी हो गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 320.55 अंक यानी 1.77 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी 17,800 के मनोवैज्ञानिक स्तर से भी नीचे आ गया था लेकिन अंत में यह थोड़ा सुधरते हुए 17,806.80 अंक पर बंद हुआ।
इन शेयरों में रहा नफा नुकसान
शुक्रवार को ही निवेशकों का नुकसान 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का है। पिछले 7 कारोबारी सेशन्स में निवेशकों ने 16 लाख रुपये का नुकसान उठाया है। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से टाटा स्टील को सर्वाधिक पांच प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। इसके अलाव टाटा मोटर्स, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, विप्रो, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और मारुति सुजुकी के शेयर भी खासे नुकसान में रहे।
एशिया से अमेरिका तक गिरावट
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया के कॉस्पी, जापान के निक्की, चीन के शंघाई कम्पोजिट तथा हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट का रुख रहा। हालांकि, यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे।
FII ने की भारी बिकवाली
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार निचले स्तर पर ही रहे और कमोबेश दो प्रतिशत तक टूट गए। यह बाजार में जारी गिरावट के मौजूदा रुख के अनुरूप ही है।’’ अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.89 प्रतिशत चढ़कर 82.
51 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। बाजार में जारी गिरावट के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को खरीदारी की। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई ने 928.63 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध लिवाली की।
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