वैश्विक बाजारों में नरम रुख के बीच घरेलू शेयर बाजार में शुक्रवार को लगातार तीसरे तीन भारी गिरावट दर्ज की गई और बीएसई सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक लुढ़ककर बंद हुआ। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 1,020.80 अंक यानी 1.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,098.92 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,137.77 अंक तक गिर गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 302.45 अंक यानी 1.72 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,327.35 अंक पर बंद हुआ।
पावरग्रिड के शेयर में सबसे अधिक गिरावट
सेंसेक्स के शेयरों में पावरग्रिड के शेयर में सबसे अधिक 7.93 प्रतिशत की गिरावट हुई। महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी, एचडीएफसी और इंडसइंड बैंक के शेयर भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ केवल सन फार्मा, टाटा स्टील और आईटीसी के शेयर लाभ के साथ बंद हुए। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। यूरोपीय शेयर बाजारों में शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी बाजार में बृहस्पतिवार को गिरावट रही। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.87 प्रतिशत गिरकर 88.77 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 2,509.55 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
80.98 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर खिसका
विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर के लगातार मजबूत बने रहने और निवेशकों के बीच जोखिम से दूर रहने की प्रवृत्ति हावी रहने से शुक्रवार को रुपया 19 पैसे गिरकर 80.98 रुपये प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में भारतीय रुपया डॉलर के आगे पहली बार 81 रुपये का स्तर भी पार कर गया। एक समय रुपया 81.23 के स्तर तक लुढ़क गया था। हालांकि बाद में रुपये की स्थिति थोड़ी सुधरी और कारोबार के अंत में यह 80.98 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी दिवस की तुलना में रुपये में 19 पैसे की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। बृहस्पतिवार को रुपया एक ही दिन में 83 पैसे का गोता लगाते हुए 80.79 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर रहा था। यह लगातार तीसरा दिन रहा जब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट देखी गई। इन तीन दिनों में रुपये की कीमत 124 पैसे प्रति डॉलर तक गिर चुकी है। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि यूक्रेन में हालात बिगड़ने की आशंका और अमेरिका एवं ब्रिटेन में ब्याज दरें बढ़ाए जाने से रुपये पर दबाव बढ़ा है। इसके अलावा विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की स्थिति मजबूत होने और घरेलू स्तर पर शेयर बाजारों में गिरावट का रुख रहने से भी रुपया दबाव में आया है। दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.72 प्रतिशत चढ़कर 112.15 पर पहुंच गया।
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