नई दिल्ली। एशियाई बाजारों में कमजोरी के रुख के बीच विप्रो, आरआईएल और एचडीएफसी बैंक जैसे बड़े शेयरों में गिरावट के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स मंगलवार को शुरुआती कारोबार में 900 अंक से अधिक लुढ़क गया। हालांकि, बाद में बाजार में रिकवरी लौटी और सेंसेक्स कुछ समय के लिए हरे निशान में लौटने में कामयाब रहा। लेकिन, एक बार फिर नेगेटिव सेंटीमेंट ने बाजार को लाल निशान में धकेल दिया है। 11.30 बजे तक सेंसेक्स 290 अंक गिरकर 57199 पर कारोबार कर था। वहीं, निफ्टी भी 68 अंक गिरकर 17081 अंक पर कारोबार कर रहा था।
फेड के फैसले से डरा बाजार
कारोबारियों के मुताबिक विदेशी निवेशकों की बिकवाली और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नीति को सख्त करने की खबर से भी घरेलू शेयर बाजार पर दबाव बना हुआ है। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 905. 16 अंक या 1.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 56,586.35 पर खुला था। इसी तरह निफ्टी 253.80 अंक या 1.48 फीसदी गिरकर 16,895.
30 पर खुला था। सेंसेक्स में सबसे अधिक 4.38 प्रतिशत की गिरावट एशियन पेंट्स में हुई। इसके अलावा विप्रो, टेक महिंद्रा, एलएंडटी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक भी गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर एक्सिस बैंक, भारती एयरटेल और पावरग्रिड हरे निशान में थे।
पिछले सत्र में बड़ी गिरावट आई थी
पिछले सत्र में सेंसेक्स 1,545.67 अंक या 2.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,491.51 पर, जबकि एनएसई निफ्टी 468.05 अंक या 2.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,149.10 पर बंद हुआ था। बाजार में बड़ी गिरावट आने से निवेशकों के एक दिन में 9 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
वैश्विक बाजार में भी गिरावट
अन्य एशियाई बाजारों में हांगकांग, सोल, शंघाई और तोक्यो में शेयर मध्य सत्र के सौदों में नुकसान के साथ कारोबार कर रहे थे। रूस और यूक्रेन के बीच टकराव पर बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितता का असर भी शेयर बाजार पर देखने को मिला। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.85 प्रतिशत बढ़कर 87.00 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को सकल आधार पर 3,751.58 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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