Stock Market Outlook: अगले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में आ सकती है बड़ी गिरावट! जानिए, क्यों?
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, इस सप्ताह आने वाले आंकड़ों और महत्वपूर्ण घटनाक्रमों की वजह से बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रह सकता है।
Stock Market: भारतीय शेयर में अगले हफ्ते यानी सोमवार से बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। वैश्विक और घरेलू असर के चलते बाजार में बड़ी गिरावट की आशंका है। विशेषज्ञों के अनुसार, मई के महंगाई के आंकड़ों और ब्याज दरों पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के फैसले से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। इसके अलावा विदेशी कोषों का रुख, रुपये का उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल के दाम भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगे।
महंगाई की वजह से बाजार काफी दबाव में
विश्लेषकों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति की वजह से बाजार काफी दबाव में हैं। ऐसे में केंद्रीय बैंकों द्वारा कदम उठाए जाने की उम्मीद है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि बाजार पिछले एक माह से व्यापक दायरे में हैं। यह स्थिति तबतक बनी रहेगी जबतक की किसी एक दिशा में स्पष्ट संकेत उभरकर सामने नहीं आता। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,465.79 अंक या 2.62 प्रतिशत नीचे आया।
बाजार में काफी उतार-चढ़ाव संभव
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, इस सप्ताह आने वाले आंकड़ों और महत्वपूर्ण घटनाक्रमों की वजह से बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रह सकता है। मिश्रा ने कहा कि बाजार भागीदार सबसे पहले अमेरिका के महंगाई के आंकड़े और घरेलू औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देंगे। अमेरिका में मुद्रास्फीति 40 साल के उच्चस्तर पर पहुंच चुकी है। आईआईपी के आंकड़े शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद आए थे। उन्होंने कहा कि आगे चलकर 13 जून को खुदरा महंगाई और 14 जून को थोक महंगाई के आंकड़े आने हैं। वैश्विक मोर्चे पर 15 जून को अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक के नतीजे आएंगे। ये बाजार का मूड खराब कर सकते हैं।
अमेरिकी फेडरल के नतीजों पर सभी की नजर
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि.के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, सभी की निगाह फेडरल रिजर्व की संघीय मुक्त बाजार समिति (एफओएमसी) के 15 जून के फैसले पर रहेगी। महंगाई के ‘दानव’ के बीच बाजार ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि की आशंका जता रहा है। बैंक ऑफ जापान भी 17 जून को अपनी मौद्रिक समीक्षा पेश करेगा। मीणा ने कहा कि यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वैश्विक शेयर बाजारों में घबराहटपूर्ण बिकवाली के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का रुख क्या रहता है। पिछले लगातार आठ माह से एफआईआई जमकर बिकवाली कर रहे हैं।