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Stock market: भारतीय शेयर बाजारों के लिए कैसा होगा नवंबर का महीना? हुई ये भविष्यवाणी

FPIs ने अगस्त में शुद्ध रूप से 51,200 करोड़ रुपये की लिवाली की थी। भारत के अलावा इस महीने अबतक FPIs ने फिलिपीन और ताइवान के बाजार से भी निकासी की है।

Stock Market- India TV Paisa Image Source : PTI Stock Market

भारतीय शेयर बाजार में बीते पूरे महीने उठा पटक का दौर जारी रहा है। यहां छोटे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। यदि शेयर बाजार की इस तेजी मंदी पर गौर करें तो यहां कई अन्य कारणों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली एक अहम कारण रही है। 

हालांकि एफपीआई की भारतीय शेयर बाजारों से निकासी की रफ्तार अक्टूबर में कुछ कम हुई है। अक्टूबर के इस रुख को देखते हुए भविष्यवाणी की जा रही है कि नवंबर में भी कुछ इसी प्रकार विदेशी निवेशकों की बिकवाली में नरमी देखी जा सकती है, जिसका फायदा शेयर बाजार के निवेशकों को मिल सकता है। 

अक्टूबर में एफपीआई सेलिंग में आई बड़ी गिरावट 

सितंबर में शेयरों से 7,600 करोड़ रुपये की निकासी करने के बाद इस महीने अब तक एफपीआई ने पूंजी बाजारों से 1,586 करोड़ रुपये निकाले हैं। एफपीआई ने अगस्त में शुद्ध रूप से 51,200 करोड़ रुपये की लिवाली की थी। भारत के अलावा इस महीने अबतक एफपीआई ने फिलिपीन और ताइवान के बाजार से भी निकासी की है। 

नवंबर में भी आ सकती है गिरावट 

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के पीएमएस प्रमुख के दिलीप ने कहा कि नवंबर में एफपीआई का शुद्ध प्रवाह काफी हद तक इस आंकड़े के आसपास रहेगा। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने 28 अक्टूबर तक शेयरों से 1,586 करोड़ रुपये की निकासी की है। इस महीने का अभी एक कारोबारी सत्र बचा है। हालांकि, पिछले कुछ दिन के दौरान भारतीय बाजारों में एफपीआई की बिकवाली की रफ्तार धीमी हुई है। वास्तव में पिछले चार कारोबारी सत्रों में वे 6,000 करोड़ रुपये के लिवाल रहे हैं। 

क्या कहते हैं एक्सपर्ट 

कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि पूंजी की ऊंची लागत, मौजूदा भू-राजनीतिक संकट की वजह से एफपीआई अक्टूबर में बिकवाल रहे हैं। इससे पहले जुलाई में एफपीआई ने भारतीय शेयरों में करीब 5,000 करोड़ रुपये डाले थे। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर से लगातार नौ माह तक एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे थे। इस साल अभी तक एफपीआई की निकासी 1.70 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच चुकी है। 

जारी रहेगा अनिश्चितता का माहौल 

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से वृद्धि की संभावना, रुपये में गिरावट, मंदी की आशंका और यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों का प्रवाह नकारात्मक रहेगा। इस परिदृश्य में अनिश्चितता का माहौल बना है जिसकी वजह से निवेशक जोखिम लेने से कतरा रहे हैं।’’ 

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