Stock Market निवेशक हैं तो सावधान हो जाएं। भारतीय स्टॉक मार्केट के बुरे दिन अभी खत्म नहीं हुए हैं। शेयर मार्केट में और बड़ी गिरावट आ सकती है। ग्लोबल फर्म ब्रोकरेज BofA ने निफ्टी के लिए अपने साल के अंत का टारगेट 16,000 से घटाकर 14,500 अंक कर दिया है। ब्रोकरेज फर्म ने माइक्रो फ्रंट पर हालत ठीक नहीं होने का हवाला देते हुए निफ्टी का टारगेट घटाया है। निफ्टी अभी 15,397 अंक पर कारोबार कर रहा है। यानी निफ्टी नया हाई बनाने की ओर नहीं बल्कि नीचे की ओर जाएगा।
इन 5 कारणों के चलते बोफा ने निफ्टी का टारगेट घटाया
1. ब्याज दरों में बढ़ोतरी: दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों द्वारा महंगाई काबू करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी। ब्याज दरों में आगे भी बढ़ोतरी की संभावना। इसका बुरा असर बाजार पर होगा।
2. आर्थिक मंदी की आहट: कोरोना के बाद दुनियाभर में आर्थिक मंदी की आहट सुनाई दे रही है। अमेरिका में मंदी की आशंका बढ़ गई है। ये बाजार को नीचे ले जाने का काम करेगा।
3. कंपनियों की कमाई में गिरावट: कोरोना के बाद दुनियाभर में जरूरी कमोडिटी की कीमत काफी तेजी से बढ़ी है। ये कंपनियों की आय प्रभावित कर रही है। इससे आने वाले दिनों में कंपनियों की कमाई घट सकती है।
4. कच्चे तेल में उछाल: कच्चे तेल की कीमत में तेजी से उछाल आया है। आने वाले महीनों में भी कच्चे तेल की कीमत कम होने की उम्मीद नहीं है। ये महंगाई को बढ़ाने का काम करेगा।
5. शेयरों का मूल्यांकन: भारतीय बाजार में गिरावट आई है लेकिन निफ्टी अभी भी अब एक साल के ईपीएस के 17 गुना पर कारोबार कर रहा है। यानी भारतीय बाजार का मूल्यांकन अधिक है।
ब्याज दरों में बढ़ोतरी का असर बाजार पर होगा
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि निकट भविष्य में केंद्रीय बैंक की ओर से ब्याज दर में और बढ़ोतरी की जाएगी। इससे विकास की रफ्तार धीमी होगी। अमेरिकी में मंदी की आशंका है। ये सारे कारण निफ्टी को नीचे की ओर ले जाने का काम करेंगे। बोफा का मानना है कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमत ऊंची बनी रहेगी।
निफ्टी हाई से 16 फीसदी टूटा
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों, दुनिया में मंदी की चिंता और महंगाई को काबू करने के लिए केंद्रीय बैंक की ओर से ब्याज दर में वृद्धि की आशंकाओं के कारण विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। इसके चलते निफ्टी पिछले साल अक्टूबर में अपने अब तक के उच्चतम स्तर से लगभग 16% नीचे है। एनएसडीएल के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले नौ महीने में एफपीआई ने दलाल स्ट्रीट से अब तक लगभग 3 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं।
Latest Business News