स्टॉक मार्केट कैसा रहेगा आगे? पैसा लगाना कहां होगा अभी सही, जानिए एक्सपर्ट ओपिनियन
अमेरिका और ब्रिटेन के जीडीपी के आंकड़ों, यूरोपीय संघ की मुद्रास्फीति, अमेरिका और चीन के मैनुफैक्चरिंग पीएमआई और भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट नतीजों का मार्केट पर असर देखने को मिलेगा।
घरेलू स्टॉक मार्केट (Stock Market) आने वाले समय में दबाव का सामना कर सकता है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, इंटरनेशनल मार्केट की चिंताओं को देखते हुए हम निकट भविष्य में बाजार पर दबाव मान कर चल रहे हैं। निवेशकों को सलाह देते हुए खेमका ने निवेशकों से बड़ी कंपनियों में ज्यादा निवेश अलॉट करने की सलाह दी है। आईएएनएस की खबर के मुताबिक, निवेशक आगे की दिशा के लिए अमेरिका और ब्रिटेन के जीडीपी के आंकड़ों, यूरोपीय संघ की मुद्रास्फीति, अमेरिका और चीन के मैनुफैक्चरिंग पीएमआई और भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट जैसे आर्थिक डेटा पर फोकस कर रहे हैं। यह अगले सप्ताह आने वाले हैं।
लगातार चौथे सत्र में बाजार में गिरावट
खबर के मुताबिक, एचडीएफसी सिक्योरिटीज के टेक्नीकल रिसर्च एनालिस्ट नागराज शेट्टी ने कहा कि शुक्रवार को लगातार चौथे सत्र में बाजार (Stock Market) में गिरावट का रुख देखने को मिला। अस्थिरता के बीच निफ्टी 68 अंक गिरकर बंद हुआ। इस सप्ताह निफ्टी (Nifty) की गिरावट लंबी रही। सामान्यतौर पर मजबूती के बाद आई ऐसी गिरावट शेयर बाजार में और ज्यादा गिरावट का संकेत देती है। पिछले सप्ताह निफ्टी ढाई फीसदी टूट गया है। यह पिछले 25-26 सप्ताह की सबसे तेज गिरावट है।
दरों में बढ़ोतरी की चिंता
निफ्टी (Nifty) का शॉर्ट टर्म ट्रेंड लगातार कमजोर है। अगले सप्ताह तक 19,550 के लेवल से मामूली तेजी की संभावना है। बाजार (Stock Market) के निचली ऊंचाई से भी नीचे उतरने की उम्मीद है। तत्काल यह 19,800-19,850 के लेवल के आसपास है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि पूरे सप्ताह निवेशकों की धारणा महंगाई के दबाव के चलते दरों में बढ़ोतरी की चिंताओं से प्रभावित रही। सप्लाई में कटौती के साथ-साथ चीन में बढ़ती मांग की उम्मीदों के चलते कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने इन मुद्रास्फीति चिंताओं में योगदान दिया।
वैसे फेड चेयरमैन ने मौजूदा ब्याज दरों को बनाए रखने का ऑप्शन चुना, लेकिन महंगाई के दबावों के जवाब में भविष्य में दरों में संभावित बढ़ोतरी के सुझाव से अमेरिकी बॉन्ड पर मिलने वाल ब्याज बढ़ गया है और अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ, जिसने निवेशकों को सुरक्षित निवेश में शरण लेने के लिए प्रेरित किया। गया। इसका असर घरेलू बाजार (Stock Market) पर पड़ा और मंदी का रुख दिखा। इन स्थितियों के बीच, पीएसयू बैंक शेयरों में बढ़त देखी गई।