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Stock Market को क्या बाय-बाय कहने की तैयारी में हैं विदेशी निवेशक? जून में भी जारी अंधाधुंध बिकवाली

घरेलू और वैश्विक मोर्चे पर घटनाक्रमों से चिंतित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली का सिलसिला जारी है।

<p>Stock Market </p>- India TV Paisa Image Source : FILE Stock Market 

Highlights

  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकोंका भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली का सिलसिला जारी है
  • एफपीआई ने इस महीने अबतक भारतीय बाजारों से 14,000 करोड़ रुपये की निकासी की है
  • इस साल एफपीआई अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 1.81 लाख करोड़ रुपये की निकासी की

Stock Market: क्या भारतीय शेयर बाजार को बाय-बाय कहने की तैयारी तो नहीं कर रहे हैं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई)? बीते 9 महीने के उनके बिकवाली से तो यही संकेत मिल रहे हैं। हालांकि, यह कहना अभी जल्दबाजी होगा! विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेशक को अभी भारतीय बाजार महंगा लग रहा है। इसलिए वो यहां से अपना पैसा निकाल रहे हैं। जब उनको लगेगा कि भारतीय बाजार पैसा लगाने वाला हो गया है तो वह लौटेंगे। इस सब के बीच छोटे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। 

जून में अब तक निकाले 14 हजार करोड़ 

घरेलू और वैश्विक मोर्चे पर घटनाक्रमों से चिंतित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली का सिलसिला जारी है। एफपीआई ने इस महीने अबतक भारतीय बाजारों से 14,000 करोड़ रुपये की निकासी की है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल एफपीआई अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 1.81 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि आगे चलकर एफपीआई की बिकवाली जारी रहेगी। हालांकि, लघु और मध्यम अवधि में बिकवाली कुछ घट सकती है। नायर ने कहा, इसकी वजह यह है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती, सख्त मौद्रिक रुख, आपूर्ति पक्ष की दिक्कतों और ऊंची मुद्रास्फीति को बाजार पहले ही ‘स्वीकार’ कर चुका है। 

Image Source : India TVFPI

बिकवाली का सिलसिला अक्टूबर, 2021 से जारी 

केंद्रीय बैंकों द्वारा दीर्घावधि में आक्रामक मौद्रिक रुख तभी जारी रहेगा जबकि मुद्रास्फीति ऊंची हो। आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने एक से 10 जून के दौरान भारतीय शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 13,888 करोड़ रुपये की निकासी की है। उनकी बिकवाली का सिलसिला अक्टूबर, 2021 से जारी है। नायर ने कहा कि फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख की वजह से फिलहाल एफपीआई की बिकवाली जारी है। समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बांड बाजार से 600 करोड़ रुपये निकाले हैं। 

भारतीय बाजार आकर्षक नहीं रहा 

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि जोखिम की दृष्टि से देखा जाए, तो अमेरिका में भी ब्याज दरें बढ़ने से भारतीय बांड बाजार विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक निवेश विकल्प नहीं रह गया है। भारत के अलावा एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में ताइवान, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड और फिलिपीन जैसे उभरते बाजारों से भी निकासी की है। 

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