कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शेयर बाजार में गिरावट रही। शुक्रवार को कमजोर शुरुआत के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर पूरे ट्रेडिंग आवर में देखने को मिला। अंत में बीएसई सेंसेक्स 125.65 अंक टूटकर 66,282.74 अंक पर बंद हुआ। वहीं, दूसरी ओर एनएसई निफ्टी 42.95 अंक गिरकर 19,751.05 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल एक्सिस बैंक के स्टॉक में सबसे अधिक गिरावट रही। वहीं, टाटा मोटर्स के शेयर में 4.66 फीसदी की जबरदस्त तेजी रही। आपको बता दें कि खराब वैश्विक संकेतों और आईटी कंपनियों के तिमाही वित्तीय प्रदर्शन पर चिंताओं से निवेशकों की धारणा प्रभावित किया। इसके चलते बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 341 अंक या 0.51 प्रतिशत से अधिक गिरकर 66,067.31 अंक पर खुला। एशिया के अधिकतर बाजार भी नुकसान में रहे। अमेरिकी और यूरोपीय बाजार बृहस्पतिवार को नकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 1,862.57 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
इस कारण बाजार में आई गिरावट
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "आईटी क्षेत्र के कमजोर रेवन्यू अनुमान और कच्चे तेल की कीमतों में मौजूदा तेजी ने कारोबारी धारणा पर असर डाला। इसके अलावा अमेरिकी मुद्रास्फीति के उम्मीद से अधिक आंकड़ों ने भी सप्ताह की शुरुआती तेजी के रुझान को कम करने का काम किया।" नायर ने कहा कि इस स्थिति में भी घरेलू स्तर पर मुद्रास्फीति में गिरावट और औद्योगिक उत्पादन के प्रभावी आंकड़ों ने उम्मीद को बनाए रखा। बहरहाल व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.05 प्रतिशत गिर गया जबकि स्मॉलकैप सूचकांक में 0.04 प्रतिशत की गिरावट रही। अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने से अमेरिकी बाजारों में गिरावट रहने का असर एशियाई बाजारों पर पड़ा।
वैश्विक बाजारों में भी गिरावट
इसके अलावा चीन के कमजोर व्यापार आंकड़ों ने भी शंघाई कंपोजिट, जापान के निक्की और हांगकांग के हैंगसेंग को नीचे लाने का काम किया। यूरोप में फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के शेयर बाजारों में भी गिरावट का रुख देखने को मिला। इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय बाजार से निकासी जारी रखी है।
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