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Hindi News पैसा बाजार बिकवाली के दबाव में भरभरा कर टूटा शेयर बाजार, सेंसेक्स 732 अंक लुढ़का, इन 5 वजह से गिरा मार्केट

बिकवाली के दबाव में भरभरा कर टूटा शेयर बाजार, सेंसेक्स 732 अंक लुढ़का, इन 5 वजह से गिरा मार्केट

बीएसई सेंसेक्स 732.96 अंक टूटकर 73,878.15 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी 172.35 अंकों की कमजोरी के साथ 22,475.85 अंक पर बंद हुआ।

Share Market Down- India TV Paisa Image Source : FILE टूटा शेयर बाजार

हफ्ते के आखिरी कारोबार दिन शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स 732.96 अंक टूटकर 73,878.15 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी 172.35 अंकों की कमजोरी के साथ 22,475.85 अंक पर बंद हुआ। बाजार को नीचे ले जाने में सबसे अधिक योगदान रिलायंस इंडस्ट्रीज और मारुति के स्टॉक का रहा है। इन दोनों स्टॉक में 2 फीसदी से अधिक की गिरावट रही। इसके साथ ही तमाम हैवीवेट शेयर में बिकवाली देखने को मिली। आइए जानते हैं वो 5 कारण जिसके कारण बाजार में आज बिकवाली देखने को मिली। 

1) RIL, मारुति और HDFC में गिरावट 

भारतीय बाजार को नीचे लाने में आरआईएल, मारुति और एचडीएफसी बैंक का योगदान रहा। ये हैवीवेट शेयर में बिकवाल आने से भारतीय बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली। 

2) India VIX में उछाल 

India VIX जो वोलैटिलिटी को दर्शाता है वह 12% से अधिक बढ़कर 15.12 हो गया है, जो कि Q4 की कमाई, चल रहे चुनाव के मौसम और यूएस फेड द्वारा ब्याज दर में कटौती के समय सहित बाजार की भावनाओं पर प्रभाव डालने वाले कारण बदल रहा है। इससे भी बाजार में गिरावट हाबी हुई। 

3) महंगाई का डर 

अमेरिका में लगातार चार महीनों तक महंगाई बाजार की उम्मीदों से अधिक रहने से मुद्रास्फीति संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं। मई के पॉलिसी में अमेरिकी फेड ने अपने मुद्रास्फीति लक्ष्य की दिशा में सीमित प्रगति को स्वीकार किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि महंगाई को लेकर अनिश्चितता बना हुआ है। इसका असर भी बाजार पर देखने को मिला। 

4) ब्याज दर में कमी की उम्मीद धूमिल

अमेरिका में महंगाई अभी भी लक्ष्य से अधिक है। इसके चलते निवेशकों को अब संदेह होने लगा है कि महंगाई को कम करने में हालिया निराशाजनक प्रगति को देखते हुए फेड कैलेंडर वर्ष 2024 में दर में ब्याज कम करेगा। 

5) लोकसभा चुनाव का डर 

लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर बाजार की अटकलों के कारण भी बाजार में बेतहाशा उतार-चढ़ाव बढ़ रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि जैसे-जैसे हम 4 जून के चुनाव नतीजों की तारीख के करीब पहुंचेंगे, अस्थिरता और भी बढ़ सकती है।

मार्केट एक्सपर्ट ने क्या कहा?

विश्लेषकों ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज, एलएंडटी और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में भारी बिकवाली का दबाव होने से भी सूचकांकों में गिरावट आई। सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से लार्सन एंड टुब्रो, मारुति, रिलायंस इंडस्ट्रीज, नेस्ले, भारती एयरटेल, अल्ट्राटेक सीमेंट, कोटक महिंद्रा बैंक और जेएसडब्ल्यू स्टील में प्रमुख रूप से गिरावट दर्ज की गई। दूसरी तरफ, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और इन्फोसिस के शेयर बढ़त लेने में सफल रहे। रिजर्व बैंक की तरफ से लगाई पाबंदी हटाए जाने के बाद बजाज फाइनेंस में करीब एक प्रतिशत की तेजी देखी गई। 

मुनाफावसूली ने बिगाड़ा बाजार का मूड

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "अमेरिका में गैर-कृषि रोजगार आंकड़े आने से पहले मुनाफावसूली होने और कुछ हद तक सतर्क रुख अपनाने से बाजार में बिकवाली का दबाव रहा। हालांकि कच्चे तेल की कीमतें नरम होने के साथ चौथी तिमाही के नतीजों में कोई बड़ी नकारात्मक बात नहीं देखी गई है।" शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 964.47 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की। 

वैश्विक बाजार में मिलाजुला रुख 

एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त में रहा जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी गिरावट के साथ बंद हुआ। जापान और चीन के शेयर बाजारों में छुट्टियों के कारण कारोबार बंद रहा। यूरोपीय बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी शेयर बाजार बृहस्पतिवार को बढ़त के साथ बंद हुआ था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.06 प्रतिशत गिरकर 83.62 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 128.33 अंक की बढ़त के साथ 74,611.11 और एनएसई निफ्टी 43.35 अंक चढ़कर 22,648.20 अंक पर बंद हुआ था। 

निवेशकों को 2.25 लाख करोड़ की चपत

भारी मुनाफावसूली के बीच शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों को 2.25 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 732.96 अंक गिरकर 73,878.15 अंक पर बंद हुआ। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,25,543.41 करोड़ रुपये घटकर 4,06,24,224.49 करोड़ रुपये (4.89 लाख करोड़ डॉलर) रहा।

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