नई दिल्ली। बीते वित्त वर्ष 2021-22 में छोटे शेयरों (स्मॉलकैप) ने निवेशकों को 36.64 प्रतिशत का बड़ा रिटर्न दिया है। इस तरह छोटी कंपनियों के शेयरों ने प्रतिफल देने के मामले में सेंसेक्स और निफ्टी को पीछे छोड़ दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2022-23 में भी स्मॉलकैप का बेहतर प्रदर्शन जारी रहेगा।
स्मॉलकैप का सूचकांक 7,566 अंक चढ़ा
विश्लेषकों ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही बहुत अच्छी रही, जबकि दूसरी छमाही में बाजार को उतार-चढ़ाव से जूझना पड़ा। बीते वित्त वर्ष में बीएसई का स्मॉलकैप सूचकांक 7,566.32 अंक या 36.64 प्रतिशत चढ़ गया। वहीं मिडकैप में 3,926.66 अंक या 19.45 प्रतिशत की बढ़त रही। इसकी तुलना में सेंसेक्स वित्त वर्ष 2021-22 में 9,059.36 अंक यानी 18.29 प्रतिशत चढ़ा। ट्रेडिंगो के संस्थापक पार्थ न्यति ने कहा कि सभी तरह की चिंताओं को पार पाते हुए बाजार मजबूत जुझारू क्षमता दिखा रहा है। हम संरचनात्मक बुल रन बाजार में है, लेकिन बीच-बीच में बाजार में कुछ ‘करेक्शन’ आ सकता है। उन्होंने कहा, परंपरागत रूप से मिडकैप और स्मॉलकैप का प्रदर्शन बुल रन से बेहतर होता है। मेरा मानना है कि वित्त वर्ष 2022-23 में भी इनका प्रदर्शन मुख्य बेंचमार्क से बेहतर रहेगा, क्योंकि तमाम तरह की दिक्कतों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था एक अच्छी वृद्धि की राह पर अग्रसर है।
अप्रैल का महीना शेयर बाजार के लिए अच्छा
न्यति ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से अप्रैल का महीना शेयर बाजारों के लिए सबसे अच्छा रहता है। खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप के मामले में। पिछले 15 में से 14 साल में बीएसई का स्मॉलकैप सूचकांक लाभ के साथ बंद हुआ है। इस दौरान इसमें औसतन सात प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, इसलिए हम व्यापक बाजार के लिए नए वित्त वर्ष की शानदार शुरुआत की उम्मीद कर सकते हैं। 19 अप्रैल, 2021 को स्मॉलकैप अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर 20,282.07 अंक पर आ गया था। वहीं इस साल 18 जनवरी को यह 31,304.44 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था। इसी तरह मिडकैप पिछले साल 19 अक्टूबर को 27,246.34 अंक के अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। इसने 19 अप्रैल, 2021 को अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर 19,423.05 अंक को छुआ था। सेंसेक्स 19 अक्टूबर, 2021 को अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 62,245.43 अंक पर पहुंचा था।
निवेश के अच्छे विकल्प के तौर पर उभरे
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, पिछले पांच-छह माह के दौरान व्यापक बाजार में ‘करेक्शन’ की वजह से स्मॉलकैप और मिडकैप निवेश के अच्छे विकल्प के रूप में उभरे हैं। हालांकि, निकट भविष्य में मुद्रास्फीति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई और अर्थव्यवस्था की सुस्ती की वजह से उतार-चढ़ाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
Latest Business News