बाजार खुलते ही सेंसेक्स धड़ाम, निफ्टी की हालत खराब, निवेशकों के ऊपर आई आफत!
आज भारतीय शेयर बाजार की हालत खराब है। मार्केट खुलते ही सेंसेक्स में जोरदार गिरावट देखी गई। निफ्टी भी अपने आप को संभालने में नाकामयाब रहा।
भारतीय शेयर बाजार में आज जोरदार गिरावट देखने को मिली है। इस समय सेंसेक्स 573 अंक की गिरावट के साथ 61,232 पर कारोबार कर रहा है। वहीं निफ्टी 176 अंको की गिरावट के साथ 19,212.72 पर बिजनेस कर रही है।
इस हफ्ते गिरावट की है आशंका
शेयर बाजार में अगले हफ्ते गिरावट जारी रह सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दर में 0.50% की बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही फेड ने महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दर में आगे भी वृद्धि के संकेत दिए हैं। आपको बता दूं कि अमेरिका में महंगाई दर अभी भी 7% से अधिक बनी हुई है। इसके चलते अमेरिकी बाजार में दबाव देखने को मिल रहा है। अमेरिकी बाजार इस समय फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के बाद बिकवाली की दूसरी लहर का अनुभव कर रहा है। इसका असर भारतीय बाजार पर भी हुआ है। गुरुवार और शुक्रवार को बाजार में बड़ी गिरावट आई है। अगले हफ्ते भी बाजार में गिरावट जारी रह सकती है।
विदेशी निवेशकों के रुझान पर रहेगी नजर
इस सप्ताह वैश्विक कारकों और विदेशी फंडों की कारोबारी गतिविधियों से बाजार की आगे की दिशा तय होगी। स्वास्तिका इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, इस सप्ताह कोई महत्वपूर्ण संकेत नहीं आना है। इसलिए हम बुल्स और बीयर के बीच कड़ा मुकाबला देख सकते हैं। अमेरिकी बाजार इस समय फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के बाद बिकवाली की दूसरी लहर का अनुभव कर रहा है। ये रुझान आगे भी जारी रह सकता है। उन्होंने आगे कहा, एफआईआई दिसंबर के एक महत्वपूर्ण हिस्से में शुद्ध विक्रेता थे और इसलिए संस्थागत निवेश एक और महत्वपूर्ण कारक होगा, जो बाजार को प्रभावित कर सकता है।
मंदी की आशंका से पड़ रहा शेयर पर असर
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद घरेलू बाजार बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। इसका कारण आर्थिक नरमी और फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में वृद्धि की आशंका से वैश्विक बाजारों में गिरावट है। मंदी की आशंका से आईटी और दवा कंपनियों के शेयरों पर असर पड़ा है। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने बाजार को समर्थन देना जारी रखा है। वैश्विक बाजार में यह उतार-चढ़ाव बना रह सकता है, क्योंकि बाजार को अगले सप्ताह जारी होने वाली अमेरिका में फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति और मुद्रास्फीति के आंकड़े का इंतजार है।