शेयर बाजार से निवेशकों के लिए आई अच्छी खबर, सेंसेक्स और निफ्टी ने बढ़त के साथ की शुरुआत
Sensex and Nifty Open: आज शेयर बाजार में निवेशकों की चांदी होने जा रही है। हफ्ते के पहले ही दिन सेंसेक्स और निफ्टी शानदार बढ़त के साथ कारोबार शुरू किए हैं।
Share Market Live Updates Today: शेयर बाजार में पिछले हफ्ते जारी उथल-पुथल के बाद निवेशकों के लिए आज एक राहत की खबर आई है। सेंसेक्स और निफ्टी में शानदार तेजी देखी जा रही है। सेंसेक्स 346 अंकों की बढ़त के साथ 62,893 पर तथा निफ्टी 104 अंकों की उछाल के साथ 19,564 पर कारोबार कर रही है। बता दें कि पिछले हफ्ते सेंसेक्स 118 अंकों की उछाल के साथ 62,547 पर तथा निफ्टी 43 अंकों की बढ़त के साथ 19,460 पर पहुंचने में कामयाब रहा था। बाजार में आई तेजी के पीछे का एक कारण कल FPI को लेकर जारी रिपोर्ट भी है।
भारतीय बाजार के दीवाने हुए विदेशी
विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार के लिए तिजोरी खोल दी है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मई महीने में भारतीय शेयर बाजारों में 43,838 करोड़ रुपये का निवेश किया, जो नौ माह का उच्चस्तर है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने जून में भी निवेश जारी रखे हुए हैं इस महीने के पहले दो कारोबारी सत्रों में शेयर बाजारों में उन्होंने 6,490 करोड़ रुपये डाले हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि इस महीने भी एफपीआई का प्रवाह जारी रहेगा। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों के साथ अन्य संकेतक इस बात का इशारा कर रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था और मजबूत हो रही है।
नौ माह में FPI द्वारा किया गया सबसे अधिक निवेश
आंकड़ों के मुताबिक, मई के पूरे महीने में एफपीआई ने भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 43,838 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह पिछले नौ माह में एफपीआई के निवेश का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इससे पहले उन्होंने अगस्त, 2022 में शेयरों में शुद्ध रूप से 51,204 करोड़ रुपये डाले थे। अप्रैल, 2023 में शेयरों में उनका निवेश 11,630 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ रुपये रहा था। मार्च के निवेश मुख्य योगदान अमेरिकी की जीक्यूजी पार्टनर्स द्वारा अडाणी समूह की कंपनियों में डाली गई पूंजी का था। हालांकि, अगर अडाणी समूह में जीक्यूजी के निवेश को निकाल दिया जाए, तो मार्च का आंकड़ा भी नकारात्मक हो जाएगा। इसके अलावा इस साल के पहले दो माह में एफपीआई ने 34,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी।