उतार-चढ़ाव के बीच घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को कारोबार के आखिर में सपाट बंद हुआ। भारतीय शेयर बाजार के अग्रणी इंडेक्स यानी सेंसेक्स और निफ्टी 50 मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच सपाट बंद हुए। इस बीच, मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट ने अपने उच्च मूल्यांकन पर चिंताओं के बावजूद बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन जारी रखा। निफ्टी 50 अपने पिछले बंद 24,836.10 के मुकाबले 24,839.40 पर खुला और क्रमशः 24,971.75 और 24,798.65 के अपने इंट्राडे हाई और लो लेवल को छू गया।
21 स्टॉक हरे निशान में रहे
खबर के मुताबिक, इंडेक्स आखिर में 21 अंक बढ़कर 24,857.30 पर बंद हुआ, जिसमें 21 स्टॉक हरे निशान में थे। सेंसेक्स अपने पिछले बंद 81,355.84 के मुकाबले 81,349.28 पर खुला और क्रमशः 81,815.27 और 81,230.44 के अपने इंट्राडे हाई और लो लेवल को छू गया। 30 शेयरों वाला सूचकांक 100 अंक बढ़कर 81,455.40 पर बंद हुआ, जिसमें 16 शेयर लाभ में रहे।
कुल बाजार पूंजीकरण बढ़ा
बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.27 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.88 फीसदी की तेजी आई। बीएसई में सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण बढ़कर करीब 461 लाख करोड़ रुपये हो गया। एनटीपीसी, पावर ग्रिड, टाटा मोटर्स, बीपीसीएल, कोलगेट-पामोलिव (इंडिया), मैरिको और ल्यूपिन समेत 351 शेयरों ने बीएसई पर इंट्राडे कारोबार में अपने नए 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर को छुआ।
इस बीच,कमजोर मांग परिदृश्य के चलते कच्चे तेल की कीमतें सात सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गईं। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की तरफ से कमजोर मांग को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा गिरकर 79.70 डॉलर पर आ गया। वैश्विक संकेत मिले-जुले रहे क्योंकि आज अमेरिकी फेड अपनी पॉलिसी मीटिंग शुरू करेगा। इस बार फेड द्वारा दरों को अपरिवर्तित रखने की उम्मीद है, लेकिन बाजार सहभागियों का ध्यान उन संकेतों पर रहेगा जो इस उम्मीद का समर्थन करते हैं कि सितंबर में दरों में कटौती शुरू हो सकती है।
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