नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध और क्रूड के दाम में उछाल ने शेयर बाजार को दबाव में ला दिया है। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सेंसेक्स 1491 अंकों की भारी गिरावट के साथ 52,842 अंक पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी में भी 382 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। एनएसई निफ्टी 16000 हजार के अहम स्तर को तोड़ते हुए 15,863 पर बंद हुआ। बाजार में बड़ी गिरावट आने से निवेशकों के आज 5 लाख करोड़ रुपये डूब गए। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में सबसे बड़ी गिरावट इंडसइंड बैंक के शेयर में देखने को मिली। इंडसइंड बैंक के शेयर 8.11% टूटकर 829 रुपये पर बंद हुए।
निवेशकों के 5 लाख करोड़ रुपये डूबे
बाजार में बड़ी गिरावट आने से सोमवार को ही निवेशकों के करीब 7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। दरअसल, शुक्रवार को जब बाजार बंद हुआ था तो बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण 2,46,79,421 करोड़ रुपये था। वहीं, सोमवार को बाजार बंद होने पर सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण घटकर करीब 2,41,20,357.90 करोड़ रह गया है। इस तरह निवेशकों को झटके में 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक नुकसान उठाना पड़ा।
बाजार में बड़ी गिरावट के पांच प्रमुख कारण
- रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध 12वें दिन जारी रहना
- कच्चा तेल (ब्रेंट क्रूड) 130 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंचना
- कच्चे तेल में उछाल से दुनियाभर के बाजारों में महंगाई बढ़ने का खतरा
- डॉलर के मुकाबले रुपया में बड़ी गिरावट
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमोडिटीज की बढ़ती कीमत
15,300 अंक तक टूट सकता है निफ्टी
इंडिया इंफोलाइन सिक्योरिटीज (IIFL Securities) के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बताया कि बाजार ने अपने मनोवैज्ञानिक स्तर को तोड़ दिया है। ऐसे में निफ्टी और नीचे आकर 15,300 अंक तक टूट सकता है। बाजार में गिरावट बढ़ने की सबसे बड़ी वजह क्रूड का 130 डॉलर प्रति बैरल पहुंचना और यूक्रेन संकट गहराना है। ऐसे में निवेशक अभी बिल्कुल खरीदारी न करें। इंतजार करें औैर बाजार को स्टेबल होने दें। उसके बाद अच्छी कंपनियों के शेयर में निवेश करें।
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