नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच संकट गहराने के कारण वैश्विक शेयर बाजारों में भारी बिकवाली का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। 11 बजे तक सेंसेक्स 922 अंक टूटकर 55,324 अंक पर कारोबार कर रहा था। वहीं, 229 अंक लुढ़कर 16,564 अंक पर पहुंच गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और विदेशी पूंजी की सतत निकासी का असर निवेशकों की धारणा पर पड़ा है।
आईसीआईसीआई बैंक के शेयर में सबसे अधिक गिरावट
सेंसेक्स में सर्वाधिक 3.46 फीसदी की गिरावट आईसीआईसीआई बैंक के शेयर में हुई। इसके अलावा एशियन पेंट्स, मारुति, एचडीएफसी, कोटक बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर भी लाल निशान में थे। वहीं दूसरी ओर, टाटा स्टील, एम ऐंड एम, रिलायंस इंडस्ट्रीज, पॉवर ग्रिड, एनटीपीसी और टेक महिंद्रा के शेयर लाभ में रहे। पिछले सत्र में तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 388.76 अंक यानी 0.70 प्रतिशत की बढ़त के साथ 56,247.28 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 135.50 अंक यानी 0.81 प्रतिशत की बढ़त के साथ 16,793.90 अंक पर बंद हुआ।
विदेशी निवेशक लगातार निकाल रहे हैं पैसा
शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 3,948.47 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इस बीच वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट वायदा 5.73 फीसदी बढ़कर 110.98 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
डॉलर के मुकाबले रुपया 49 पैसे टूटा रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के चलते रुपया बुधवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 49 पैसे टूटकर 75.82 पर आ गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी, घरेलू शेयर बाजार में कमजोर रुख और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 75.78 पर खुला। फिर यह और गिरकर 75.82 पर आ गया जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 49 पैसे की गिरावट को दर्शाता है।
निवेशकों के 2 घंटे में 76,808 करोड़ डूबे
शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आने से बुधवार को शुरुआती कारोबार में निवेशकों की संपत्ति में 76,808.9 करोड़ रुपये से अधिक की गिरावट आ गई। वैश्विक स्तर पर बिकवाली का रूख रहने से 30 शेयरों पर आधारित बीएसई का सूचकांक सेंसेक्स 975.06 अंक गिरकर 55,272.22 पर पहुंच गया। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और विदेशी पूंजी की सतत निकासी ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण शुरुआती कारोबार में 76,808.9 करोड़ रुपये घटकर 2,51,62,236.19 करोड़ रुपये रह गया।
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