कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने सोमवार को हाई रिस्क प्रोफाइल वाले इंवेस्टर्स के लिए एक नया ऐसेट क्लास पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सेबी ने ऐसेट कंस्ट्रक्शन में फ्लेक्सिबिलिटी के मामले में म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के बीच की खाई को पाटने के लिए ये बड़ा और अहम कदम उठाया है।
कम से कम 10 लाख रुपये इंवेस्ट कर सकेंगे निवेशक
किसी खास ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) में नए प्रोडक्ट की सभी निवेश रणनीतियों में प्रति निवेशक कम से कम 10 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। बोर्ड मीटिंग के बाद एक बयान में सेबी ने कहा, ''नए प्रोडक्ट का उद्देश्य अपंजीकृत और अनधिकृत निवेश योजनाओं या संस्थाओं के प्रसार को कम करना है, जो अक्सर अवास्तविक उच्च रिटर्न का वादा करते हैं और बेहतर यील्ड के लिए निवेशकों की अपेक्षाओं का फायदा उठाते हैं। इनमें वित्तीय जोखिम की आशंका होती है।''
कई कैटेगरी की जरूरतों को पूरा करेगा ये नया ऐसेट क्लास
नया ऐसेट क्लास एसआईपी, हाई रिस्क लेने की क्षमता और निवेशकों की उभरती हुई कैटेगरी की जरूरतों को पूरा करेगा। इंवेस्टमेंट की ज्यादा लिमिट रिटेल इंवेस्टर्स को इस प्रोडक्ट में इंवेस्ट करने से रोकेगी, जबकि 10 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच निवेश योग्य फंड वाले इंवेस्टर्स को आकर्षित करेगी।
सोमवार को हुई सेबी की बोर्ड मीटिंग में 17 प्रस्तावों को दी गई मंजूरी
सेबी की बोर्ड मीटिंग के बाद जारी एक बयान में रेगुलेटर ने कहा कि ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) जैसे इंडेक्स पर नजर रखने से जुड़ी म्यूचुअल फंड स्कीम्स (पैसेविली म्यूचअल फंड) के लिए नियामक ढांचे को ढील देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इससे अनुपालन जरूरतों को कम करने में मदद मिलेगी। बताते चलें कि आज सोमवार को सेबी की इस अहम बोर्ड मीटिंग में कुल 17 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।
पीटीआई इनपुट्स के साथ
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