पूंजी बाजार नियामक सेबी ने अपने कर्मचारियों के लिए कुछ नियम सख्त कर दिया है। इस सख्ती के बाद सेबी अपने कर्मचारियों की गड़बड़ी और भ्रष्ट गतिविधियों से निपट सकेगा। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इसके लिए अपने कर्मचारियों की सेवाओं को नियंत्रित करने वाले नियमों में संशोधन किया है। भाषा की खबर के मुताबिक, इसके तहत एक सक्षम प्राधिकार कानून के तहत सेबी को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए सीधे तौर पर संबंधित कर्मचारी से राशि की वसूली कर सकता है। यह राशि कर्मचारियों के वेतन और उसे मिलने वाली दूसरी रकम से ली जा सकती है।
इस्तीफा दे चुके कर्मचारी पर भी होगा लागू
खबर के मुताबिक, सेबी के मुताबिक, यह कदम तब उठाया जा सकता है जब किसी कर्मचारी ने कथित तौर पर अनुचित मकसद के लिए या भ्रष्ट तरीके से काम किया हो या भ्रष्ट इरादे से अपनी शक्तियों का प्रयोग किया हो। बाजार नियामक ने 6 मई की अपने नोटिफिकेशन में कहा कि नई व्यवस्था उन कर्मचारियों पर भी लागू होगी जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है या रिटायर हो गए हैं या प्रतिनियुक्ति का कार्यकाल पूरा कर लिया है। नए नियम लागू हो गए हैं।
ग्रेच्यूटी को रोका जा सकता है
सेबी की तरफ से संशोधित नियम के तहत किसी कर्मचारी के खिलाफ शुरू की गई किसी भी कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान संबंधित कर्मचारी को मिलने वाली ग्रेच्यूटी को पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से रोका जा सकता है। हालांकि कार्यवाही पूरी होने के बाद निर्दोष पाए जाने पर कर्मचारी को ग्रेच्यूटी का भुगतान किया जाएगा।
इससे पहले भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने डेरिवेटिव सेगमेंट में मार्केट का समय बढ़ाने के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। बताया गया है कि ब्रोकर कम्यूनिटी के बीच आम सहमति की कमी से सेबी ने ट्रेडिंग समय बढ़ाने के एक्सचेंज के प्रस्ताव को वापस कर दिया है।
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