हाई रिस्क लेने वाले इन्वेस्टर्स के लिये आया Sebi का नया प्रपोजल, इस निवेश में जमकर होगी कमाई
New asset class : अधिक जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए सेबी ने नई एसेट क्लास का प्रस्ताव रखा है। इसमें निवेशक अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) के उच्च जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए निवेश का नया उत्पाद पेश करने का प्रस्ताव उन्हें पेशेवरों के जरिये प्रबंधित वायदा एवं विकल्प बाजार से लाभ लेने का मौका देगा। साथ ही उन्हें ‘लांग और शॉर्ट इक्विटी’ फंड, ‘रिवर्स ईटीएफ’ आदि जैसी रणनीतियों के नये विकल्प तक पहुंच प्राप्त करने का मौका दे सकता है। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। बाजार नियामक 10 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच निवेश योग्य फंड वाले निवेशकों के लिए निवेश के नये विकल्प तैयार करने पर विचार कर रहा है। इसका मकसद म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) के बीच अंतर को पाटना है।
गिरावट में भी लाभ कमाने का मौका
एडलवाइस म्यूचुअल फंड की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राधिका गुप्ता ने कहा, ‘‘भारत आखिरकार विभिन्न निवेश उत्पादों के लिए खुल रहा है। यह ‘इनवर्स ईटीएफ’ जैसी रणनीति अपनाकर लाभ कमाने का मौका दे सकता है। यानी निवेश का अब कोई एक रास्ता नहीं है।’’ ‘इनवर्स ईटीएफ’ एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है, जो उससे संबंधित ‘बेंचमार्क’ के मूल्य में गिरावट से लाभ के लिए विभिन्न डेरिवेटिव का उपयोग करके बनाया जाता है। नियामक ने अपने परामर्श पत्र में कहा कि नया एसेट क्लास निवेशकों की उभरती श्रेणी की जरूरतों को पूरा करने के लिए एसआईपी (व्यवस्थित निवेश योजना), उच्च जोखिम लेने की क्षमता जैसी सुविधाओं के साथ एक विनियमित उत्पाद प्रदान करेगा।
10 लाख रुपये के निवेश का सुझाव
सेबी ने नये एसेट क्लास के लिए न्यूनतम 10 लाख रुपये के निवेश का सुझाव दिया है। इसमें केवल जोखिम से बचाव और पुनर्संतुलन से परे उद्देश्यों के लिए वायदा एवं विकल्प में निवेश करने की अनुमति दी जा सकती है। यह कदम 10 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच निवेश योग्य फंड वाले निवेशकों को आकर्षित करेगा, जो अनधिकृत और गैर-पंजीकृत पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा प्रदाताओं की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
न्यू एसेट क्लास
आनंद राठी वेल्थ लि. के उप-मुख्य कार्यपालक अधिकारी फिरोज अजीज ने कहा, ‘‘सेबी का निर्णय सराहनीय है। यह एक नया उत्पाद वर्ग पेश करता है जहां निवेशक पेशेवरों द्वारा प्रबंधित वायदा एवं विकल्प बाजारों से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) का उपयोग करके म्यूचुअल फंड के समान कड़े नियम पारदर्शिता सुनिश्चित करेंगे।’’ मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के निदेशक (प्रबंधक अनुसंधान) कौस्तुभ बेलापुरकर ने कहा, ‘‘म्यूचुअल फंड की तुलना में न्यूनतम उच्च निवेश और निवेश करने की अधिक स्वतंत्रता के साथ नई उत्पाद श्रेणी को पेश करने के लिए सेबी का परामर्श पत्र निवेशकों को ‘लांग और शॉर्ट इक्विटी’ फंड, रिवर्स ईटीएफ इत्यादि जैसी रणनीतियों के नये विकल्प तक पहुंच प्राप्त करने में मदद कर सकता है।’’
लांग-शॉर्ट इक्विटी
‘लांग-शॉर्ट इक्विटी’ एक निवेश रणनीति है। इसमें शेयर और शेयर संबंधित उत्पादों में ‘लांग’ और ‘शॉर्ट पोजिशन’ ली जाती है। उदाहरण के लिए कोष वाहन क्षेत्र में तेजी और आईटी क्षेत्र पर मंदी का रुख रख सकता है। ऐसे में वाहन क्षेत्र के शेयरों में लंबे समय के लिए निवेश को तरजीह देगा जबकि आईटी क्षेत्र में बिकवाली कर लाभ कमाने पर तरजीह देगा। डेजर्व के सह-संस्थापक संदीप जेठवानी ने कहा कि उच्च जोखिम वाले निवेशक अब पीएमएस और एआईएफ की उच्च न्यूनतम सीमा या नियमन के दायरे से बाहर के विकल्पों का सहारा लिए बिना एक व्यवस्थित विकल्प तक पहुंच सकते हैं और लाभ कमा सकते हैं। यह भारत द्वारा बनाई गई संपत्ति की सुरक्षा के लिए वास्तव में अच्छा है।