हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद से करीब डेढ़ महीनों से लगातार मुश्किलें झेल रहे गौतम अडाणी का मामला अब देश की सबसे बड़ी सर्वोच्च अदालत में पहुंच गया है। आज अपने एक हम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अडानी के शेयरों में आई गिरावट की जांच के लिए एक 6 सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है। उद्योगपति गौतम अडाणी ने उच्चतम न्यायालय के हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में समूह पर लगाए गए आरोपों की समयबद्ध जांच के आदेश का स्वागत किया है।
बता दें कि 24 जनवरी को अमेरिका के कुख्यात हिंडनबर्ग समूह की ओर से एक रिपोर्ट में अडानी समूह में कॉरपोरेट गवर्नेंस और विदेशी में फर्जी कंपनियों के माध्यम से निवेश का आरोप लगाया था। जिसके बाद अडानी की कंपनियों में भूचाल आ गया। बीते 35 दिनों में अडानी समूह की वैल्युएशन में करीब 60 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अडानी का बयान
शीर्ष अदालत ने समूह की कंपनियों के शेयरों में आई हालिया गिरावट की जांच के लिए समिति के गठन के आदेश पर गौतम अडानी का बयान आया है। इसपर अपनी प्रतिक्रिया में अडाणी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इससे चीजें स्पष्ट होंगी और ‘सचाई की जीत’ होगी। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के आदेश के बाद अडाणी ने ट्वीट किया, ‘‘अडाणी समूह उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करता है। इससे चीजें समयबद्ध तरीके से अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचेंगी। सच्चाई की जीत होगी।’’
कौन कौन है समिति में
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) को हिंडनबर्ग के अडाणी समूह पर आरोपों को लेकर दो माह में जांच पूरी करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश ए एम सप्रे की अगुवाई में एक समिति के गठन का आदेश दिया। इस कमेटी में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ओ पी भट और न्यायमूर्ति जे पी देवदत्त भी शामिल होंगे। समिति के अन्य सदस्यों में नंदन नीलेकणि, के वी कामत, सोमशेखरन सुंदरसन शामिल हैं।
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