अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी रिलायंस पावर के शेयर को शुक्रवार को बाजार के कमजोरी के बीच जोरदार झटका लगा। 4 अक्टूबर को कंपनी के शेयरों में 5 प्रतिशत का लोअर सर्किट लगा। मनीकंट्रोल की खबर के मुताबिक, यह गिरावट कंपनी द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद आई है कि उसके बोर्ड ने वर्डे इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स के सहयोगियों को निजी प्लेसमेंट के आधार पर 4,200 करोड़ रुपये तक के विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड (एफसीसीबी) जारी करने को मंजूरी दे दी है। बीएसई सेंसेक्स में 5 प्रतिशत लोअर सर्किट के साथ रिलायंस पावर का शेयर फिलहाल ₹50.97 प्रति शेयर के भाव पर है।
कंपनी का है ये कहना
खबर के मुताबिक, रिलायंस पावर ने कहा है कि विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड (एफसीसीबी) पर 5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बेहद कम ब्याज दर होगी। वे असुरक्षित होंगे और 10 साल की अवधि के होंगे। इसमें यह भी कहा गया है कि विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड को 51 रुपये के रूपांतरण मूल्य पर रिलायंस पावर के 10 रुपये वाले लगभग 82.30 करोड़ इक्विटी शेयरों में बदला जा सकेगा, जिसमें प्रति इक्विटी शेयर 41 रुपये का प्रीमियम भी शामिल है।
एक महीने में 73% उछला था शेयर
रिलायंस पावर का शेयरों में पिछले एक महीने में 73 प्रतिशत की उछाल आई थी। कंपनी द्वारा कर्ज घटाने और अन्य वजहों से इस साल अब तक कंपनी के शेयरों में 124 प्रतिशत और पिछले एक साल में 186 प्रतिशत की उछाल आई है। रिलायंस पावर ने हाल ही में कहा था कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से उसका कोई लोन बकाया नहीं है और 30 जून तक उसकी समेकित नेटवर्थ 11,155 करोड़ रुपये थी।
कंपनी ने विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड (वीआईपीएल) की तरफ से गारंटर के रूप में कंपनी के सभी दायित्व पूरी तरह से निपटा लिए हैं, जिसके परिणामस्वरूप वीआईपीएल के 3872.04 करोड़ रुपये के बकाया लोन के संबंध में कॉर्पोरेट गारंटी, उपक्रम और उसके तहत सभी दायित्वों और दावों की रिहाई और निर्वहन हुआ है।
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