1, 5 या 10 रुपये के पेनी स्टॉक को पैसे की मशीन बताने वालों की खैर नहीं, जाएंगे सलाखों के पीछे!
दरअसल ऐसा पता चला था कि ये वित्तीय इन्फ्लूएंसर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करने के लिए 7.5 लाख रुपये तक लेते हैं और अपनी राय से लोगों के वित्तीय फैसलों को प्रभावित करते हैं।
हाल के दिनों में तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मार्केट गुरू पैदा हो गए हैं। वो आम दर्शकों को बिना किसी रिसर्च और जानकारी के पेनी स्टॉक्स में निवेश कर लाखों की कमाई का दावां कर रहे हैं। इससे बहुत सारे निवेशकों का पैसा उन पेनी स्टॉक्स में लगाने से डूब रहा है। अब इस तरह की सलाह देने वाले फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर (मार्केट गुरू) की खैर नहीं है। पूंजी बाजार नियामक सेबी वित्तीय ‘इन्फ्लूएंसर’ पर अंकुश लगाने की तैयारी कर रहा है। वित्तीय इन्फ्लूएंसर डिजिटल मीडिया, चैनल आदि के माध्यम से लोगों को निवेश के बारे में सलाह देते हैं। दरअसल ऐसा पता चला था कि ये वित्तीय इन्फ्लूएंसर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करने के लिए 7.5 लाख रुपये तक लेते हैं और अपनी राय से लोगों के वित्तीय फैसलों को प्रभावित करते हैं।
सख्त कदम उठाने की जरूरत
मार्केट के जानकारों का कहना है कि हजारों की संख्या में पैदा हुए फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है। सेबी अब इस मुद्दे पर गंभीर हुआ जो एक अच्छी बात है। इस पर कार्रवाई करने से न सिर्फ आम लोगों का भला होगा बल्कि मार्केट को लेकर गलत जानकारी पर भी रोक लगेगी। जानकारों का कहना है कि गलत जानकारी देने वाले और पैसा लेकर स्टॉक रेकोमेंड करने वाले को सलाखों को पीछे भेजने की जरूरत है। इससे आम निवेशकों का भला होगा।
नियामक के दायरे में लाने की तैयारी
फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर को अब नियामक के दायरे में आना होगा, क्योंकि भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) इनकी तेजी से बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने की तैयारी कर रहा है। आनंद राठी वेल्थ के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) फिरोज अजीज ने बताया कि सेबी का प्रस्तावित कदम यह सुनिश्चित करता है कि निवेशकों को सटीक और निष्पक्ष जानकारी मिले। इससे उन्हें धोखाधड़ी से बचाने में भी मदद मिलेगी। प्रस्ताव के तहत वित्तीय इन्फ्लूएंसर को सेबी के पास अपना पंजीकरण कराना होगा, और विशिष्ट दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। इसके अलावा इनके म्यूचुअल फंड और शेयर ब्रोकरों के साथ साझेदारी करने पर भी प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। सोशल मीडिया पर कई इन्फ्लूएंसर अच्छी जानकारी देते हैं, लेकिन इस बात की आशंका बढ़ रही है कि अनियंत्रित इन्फ्लूएंसर जोखिमों को बढ़ा सकते हैं और पक्षपातपूर्ण या भ्रामक सलाह दे सकते हैं।