कर्ज के बोझ तले दबे पाकिस्तान को IMF से मदद की सख्त जरूरत है। इस आर्थिक सहायता के लिए वह आईएमएफ की सारी शर्तें पूरी कर रहा है। पाकिस्तान ने एनर्जी सेक्टर में यथास्थिति बनाए रखने के लिए आईएमएफ के मानकों को पूरा कर लिया है। इससे उसे 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर की अगली लोन किश्त पाने में मदद मिल सकती है। नकदी संकट से जूझ रहे देश में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अधिकारी समीक्षा के लिए आने वाले हैं। इस दौरे से पहले अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पूरी की शर्तें
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने बिजली की कीमतों में समय पर वृद्धि और पारेषण घाटे में वृद्धि को धीमा करने से संबंधित लक्ष्यों को पूरा कर लिया है। आईएमएफ 3 अरब अमेरिकी डॉलर के राहत पैकेज की दूसरी समीक्षा के तहत ऋण वार्ता के दौरान इन लक्ष्यों के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगा। आईएमएफ का समीक्षा मिशन इस महीने के अंत तक या अगले महीने की शुरुआत में इस्लामाबाद का दौरा कर सकता है। हालांकि, यह दौरा संघीय और प्रांतीय सरकारों के गठन के बाद ही होगा।
IMF के कर्ज पर निर्भर है पाकिस्तान
पाकिस्तान IMF पर बहुत अधिक निर्भर है। यह वर्तमान में 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अल्पकालिक समझौते को लागू कर रहा है। वैश्विक ऋणदाता पहले ही कर्ज की दो किश्तें प्रदान कर चुका है और मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत तक 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अंतिम किश्त मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञों के अनुसार, नई सरकार को कार्यभार संभालने के बाद नया ऋण प्राप्त करने के लिए IMF के साथ नई बातचीत करनी होगी। इससे पहले, IMF के समीक्षा मिशन को फरवरी के पहले हफ्ते में देश का दौरा करने का कार्यक्रम था, लेकिन प्रतिनिधिमंडल ने आम चुनाव की पूर्व संध्या पर दौरा करने से इनकार कर दिया।
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