हेल्थ केयर और डायग्नोस्टिक्स कंपनी प्रैक्टो की अगले वित्त वर्ष में लाभ की स्थिति में आने और जल्द ही अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की योजना है। कंपनी के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी शशांक एनडी ने यह जानकारी दी। प्रैक्टो छोटे शहरों और कस्बों में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के साथ ही आंकड़ों के बेहतर विश्लेषण के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का इस्तेमाल करने की तैयारी में है। शशांक ने कहा कि उनके स्टार्टअप का नकदी प्रवाह पहले से ही सकारात्मक है और अगले वित्त वर्ष में इसे लाभ की स्थिति में लाने की दिशा में बढ़ रहा है।
कंपनी की कमाई में लगातार बढ़ोतरी
उन्होंने कहा, "हम इस साल बढ़िया मार्जिन से बढ़ेंगे। हमारी कर-पूर्व आय (एबिटा) में पिछले साल की तुलना में नाटकीय रूप से सुधार हुआ होगा। हम इस साल 'न नफा-न नुकसान' के करीब होंगे और अगले साल हम वास्तव में महत्वपूर्ण लाभ कमाने में सक्षम होंगे।" शशांक ने कहा कि कंपनी प्रैक्टो ब्रांड वाले क्लीनिक के जरिये प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य सेवा में अपनी भौतिक मौजूदगी की भी योजना बना रही है। इसके साथ ही प्रैक्टो की आईपीओ लाने की भी योजना है।
मरीजों को डिजिटल मंच पर जोड़ने का काम
उन्होंने कहा, "हम लोगों के बीच जाना चाहेंगे। मैं इसकी कोई तय समयसीमा नहीं बता सकता, लेकिन ऐसा जल्द ही होगा।" वर्ष 2008 में स्थापित प्रैक्टो अपने डिजिटल मंच पर डॉक्टरों को मरीजों से जोड़ता है और टेलीमेडिसिन जैसी कई सहायक सेवाएं प्रदान करता है। प्रैक्टो की डायग्नोस्टिक और परामर्श सेवाओं से होने वाली आय कुल परिचालन राजस्व का 50 प्रतिशत है। बाकी राजस्व सदस्यता सेवाओं, सॉफ्टवेयर की बिक्री और डॉक्टरों और क्लीनिकों के रखरखाव से आता है। वित्त वर्ष 2022-23 में इसका घाटा आधा होकर 93.68 करोड़ रुपये हो गया।
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